वो जो दुनिया की सबसे बड़ी भीड़ में भी अकेला ही रह गया!

    «    »
  04-Sep-2024 | दीपाली अग्रवाल




सफे़द देह पर सफ़ेद जाकेट, जैसे किसी ने चांद को तारों से लपेट दिया हो। घुंघराले बाल जिसकी एक लट को बार-बार चेहरे पर लाने के लिए वे संघर्ष करते। कभी एक ही हाथ में दस्ताना पहनते तो कभी एक बाजू में बैंड बांध लेते। उसे पसंद था दुनिया से अलग दिखना कि लोग उस पर ध्यान दें, बातें करें। लोग ध्यान दे रहे हैं और उसकी मृत्यु के 15 साल बाद भी उसके बारे में बात कर रहे हैं। दुनिया में कला की दुनिया का एक ऐसा सितारा जिसकी उपमा देकर किसी अच्छा नृत्य करने वाले व्यक्ति को नवाज़ा जाता है - ‘आया बड़ा माइकल जैक्सन’।

माइकल जैक्सन जिन्हें उनकी मून वॉक और एंटी-ग्रैविटी लीन (जिसमें वे 45 डिग्री तक झुक जाते थे) के लिए याद किया जाता है। स्मूद क्रिमिनल के स्मूद मूव्स, मधुर आवाज़ और वंचित वर्ग के लिए लिखे उनके गीत - एक पूरा पैकेज बनाते हैं। इसमें एक बात और जोड़ूं कि वे बहुत अच्छी बीट-बॉक्सिंग भी करते थे। माइकल ने कई प्लास्टिक सर्जरी करवाईं, हालांकि एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने सिर्फ़ नाक की सर्जरी की बात मानी ताकि उनके नोट्स और भी ठीक से लग सकें लेकिन जानकार बताते हैं कि उन्होंने अपनी आंख के साथ होंटों की सर्जरी भी करवाई थी। इस सर्जरी के लिए कई लोगों ने उनकी आलोचना की। लेकिन माइकल के डांस पर उसका बहुत प्रभाव नहीं पड़ा। उनकी मूनवॉक समय के साथ कितनी विशेष होती गई, इसका पूरा वीडियो यहां-वहां मिल जाएगा।

वे स्टेज पर आते और लोग अपने होश खो बैठते थे, सिर्फ़ झलक भर से। वो दीवानगी का दौर था। “यू आर नॉट अलोन” की परफॉर्मेंस के दौरान उनके गार्ड भीड़ में से एक रैंडम लड़की को लाते, उसे माइकल के साथ स्टेज साझा करने का मौका मिलता, माइकल उसे एक ख़ास हिस्से तक गले लगाए रखते, फिर घुटनों के बल बैठकर उसे विदा करते, वे लड़कियां जीवन भर उस पल को सहेज कर रखती होंगी। इतनी लड़कियों को गले लगाने वाले माइकल कहते हैं कि उन्हें वहां कभी प्रेम महसूस नहीं हुआ, वो तो जीवन के दूसरे ही पल थे।

माइकल पर समलैंगिक होने के आरोप भी लगे हैं, हालांकि उन्होंने दो शादियां की जिनमें से एक प्रसिद्ध गायक एल्विस प्रिस्ले की बेटी लीज़ा प्रिस्ले हैं जिनसे उनके तीन बच्चे भी हैं। माइकल ने अपने प्रेम-प्रसंगों और एहसास के बारे में अपनी आत्मकथा ‘मूनवॉक’ में भी लिखा है। उन्होंने मात्र तीस की उम्र में ही अपनी आत्मकथा लिख दी थी। जिस उम्र में कितने ही लोग अपना करियर शुरु करते हैं, उस उम्र तक माइकल ने इतना हासिल कर लिया था कि उस पर किताब लिख सकें और कुछ ही महीनों में देश-विदेश में उसकी लाखों कॉपी बिक जाएं। माइकल ने एक किताब और लिखी है ‘डांसिंग - द ड्रीम’ - इसमें माइकल की लिखी हुई कविताएं हैं।

कविताएं लिखने वाला व्यक्ति यूं भी संवेदनशील माना जाता है। माइकल के कुछ साक्षात्कार आप देखेंगे तो जानेंगे कि उनके लहजे से वह बेहद संवेदनशील व्यक्ति लगते हैं। वाकई में माइकल के इसी व्यक्तित्व के कारण उनके करोड़ों फैन्स उस ज़माने में थे जब प्रचार के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे सुलभ और सस्ते साधन नहीं थे। फिर भी वे सड़क पर आते तो रोड ब्लॉक हो जाता था। 1982 में आई थ्रिलर एल्बम ने उन दिनों हंगामा मचा दिया था, वह धड़ल्ले से बिकी। उसके बाद बैड और डेंजरस।

माइकल जितने संवेदनशील थे, उतने व्यवहारिक भी। वे शो-बिज़नेस जानते थे। जिसने पांच साल की उम्र में अपनी पहली प्रस्तुति दी हो, वह ज़ाहिर है कि समय के साथ अपनी हर स्थिति को लेकर परिपक्व ही होगा। उन्होंने ‘जैक्सन फ़ाइव’ नाम से अपने बाक़ी भाईयों के साथ परफोर्मेंस देनी शुरु की थी, सबको उनके पिता ही मैनेज करते थे लेकिन वयस्क माइकल बाद में अपने भाईयों से अलग हो गए, अब वे सोलो शो करने लगे। पिता से भी बिजनेस अलग कर लिया। वे अपने कई साक्षात्कार में बता चुके हैं कि पिता के साथ उनके संंबंध बहुत मधुर नहीं थे, वे उन्हें मारते और रात भर जगाकर गाने की तैयारी करवाते थे। लेकिन जैसा कि अफ़वाहें बताती हैं, माइकल ने अपने माता-पिता का सौदा नहीं किया था, गोरे रंग के एवज में। कई कार्यक्रमों में उनके माता-पिता दोनों दिखाई देते हैं। गोरे रंग से एक बात ये भी चर्चा में रहती है कि उन्होंने सर्जरी से अपनी त्वचा का रंग बदलवाया था लेकिन इसके सबूत कई तस्वीरों में मौजूद हैं कि माइकल को वर्टिलिगो था, जिसे आम हिंदी में सफ़ेद दाग़ की बीमारी कहते हैं। चूंकि वे दाग़-धब्बे की तरह त्वचा के ऊपर मौजूद रहते हैं, माइकल उसे समान दिखाने के लिए हैवी मैकअप करते थे।

ये उनके जीवन का एक ऐसा हिस्सा है, जिस पर बात करते वक़्त वे भावुक हो जाते हैं। दूसरा, एक पहलू और है जिसने उन्हें जीवन भर कष्ट में रखा वो था उनके बालों में थर्ड डिग्री बर्न। एक एड शूट के दौरान उनके बालों में आग लग गई थी, सर के भीतर गहरी चोट थी। उसे ठीक करने के लिए ऑक्सीजन चैम्बर में रखा गया था। लेकिन इसके साथ एक दिलचस्प पहलू ये जुड़ गया था कि वहीं किसी ने फ़ोटो खींच ली और मीडिया ने वायरल कर दिया कि माइकल ख़ुद को जवान रखने के लिए ऑक्सीजन चैम्बर में सोते हैं। ओप्रा विनफ़्रे जब उनके घर पहुंची तो उन्हें वह चैम्बर कहीं नहीं मिला, ज़ाहिर है कि बात झूठ थी।

लेकिन माइकल के बारे में कोई झूठ फैलाना इसलिए भी आसान होगा क्यूंकि उनकी कुछ हरकतें सामान्य लोगों से वाकई अलग थीं। जैसे उन्होंने चिंपाज़ी पाला हुआ था, जिसका नाम था बबल्स। माइकल कई कार्यक्रमों में उसे साथ भी लेकर जाते थे लेकिन उसके थोड़ा अधिक उग्र होने के बाद उसे वहां से चिड़ियाघर भेज दिया गया। इसके बाद एक सांप जिसका नाम मसल्स था। उनके जानवरों से इस प्रेम के चलते एलिज़ाबेथ टेलर ने उन्हें हाथी तोहफ़े में दिया था। माइकल की हरकतें कितनी ही अलग हों लेकिन उनके बारे में कुछ भी छाप देना आसान था, वे प्रेस से चिढ़ते थे, वे जानते थे कि उनके बारे में कई ऐसी ख़बरें भी छापी जा रही हैं जो सरासर ग़लत हैं।

हालांकि एक वाकये ने लोगों को परेशान भी किया और उनकी आलोचना भी हुई, वो तब जब उन्होंने अपने कुछ ही महीने के बेटे को लोगों को दिखाने के लिए बालकनी से लटका दिया था। बाद में उन्होंने कई साक्षात्कारों में इसकी सफ़ाई भी दी थी। उनका कहना था कि वह बच्चों के प्रति बहुत संवेदना से भरे हैं, वे अपने ही बच्चे को फिर कैसे कोई नुकसान पहुंचा सकते हैं। माइकल जैक्सन का कहना था कि वह बच्चों से इसलिए भी लगाव रखते हैं कि उनके साथ अपना बचपन जी सकते हैं, जो ज़िंदगी ने उन्हें नहीं दिया। उन्होंने जन्मदिन नहीं मनाए, कभी आम लोगों की तरह शॉपिंग नहीं की। बच्चों के साथ अपने बचपन को जीने के लिए उन्होंने नेवरलैंड बनाया था, जहां पेड़ थे, पूल था, झूले थे, सब कुछ बच्चों के लिए। नेवरलैंज के कई वीडियो यूट्यूब पर मौजूद हैं।

लेकिन माइकल के जीवन का एक अहम मोड़ यहीं से शुरु हो गया था। उनका कठिन समय तब शुरु हुआ जब उन पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप लगे। बच्चे गवाही देने लगे, माइकल के घर की जांच हुई। वह इस केस से छूट गए थे लेकिन लोगों ने माना की माइकल के प्रभाव के कारण उन्हें कुछ नहीं हुआ। इस केस में कई पहलू सामने आते हैं, एक ये कि माइकल जैसे अमीर कलाकार से धन ऐंठने के लिए बच्चोंं के मां-बाप ने ये साजिश रची थी, दूसरा ये भी कि बच्चे झूठ बोलेंगे क्यूं? हालांकि जिन बच्चों ने आरोप लगाए उनके मां-बाप को जैक्सन ने अच्छी राशि दी थी और वे कोर्ट में इस बात से पलट गए कि उनके साथ कोई यौन अपराध किया गया है। अब जैक्सन की मौत के बाद वे एक वृत्तचित्र में कहते हैं कि कोर्ट में झूठ कहा था। इन सबके पीछे की वास्तविक सच्चाई तो कोई अब जान नहीं सकता, जो जैसा महसूस करता है वैसा अपने सच को मान लेता है।

लेकिन माइकल को बहुत धक्का पहुंचा था, उन्होंने नेवरलैंड जाना बंद कर दिया था। वह दक्षिणी अफ्रीका की बस्तियों में रहने वाले बच्चों को बहुत हुनरमंद मानते थे, उनका कहना था कि उन्होंने वहीं से मूनवॉक भी सीखा था। बच्चे उनके लिए हमेशा से विशेष थे, एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा भी कि बच्चों के साथ उन्होंने हमेशा एक अच्छा समय बिताने की कोशिश की है। नेवरलैंड में भी कई बच्चे जाते और खेलते, माइकल के साथ मज़े करते। लेकिन माइकल के हिस्से में कुछ और ही था।

माइकल के जीवन में तमाम दर्द के साथ एक ये भी था। वे सर्जरी के कारण होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए दवाईयां लेते थे, नींद न आने की बीमारी थी, उसके लिए भी इंजेक्शन लेते थे। लेकिन वे बहुत बड़े सितारे थे। उनकी मौत पर करोड़ों की संख्या में लोगों ने लाइव स्ट्रीमींग में उसे देखा था। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। लेकिन उनके भीतर एक अकेलापन था। वे अपनी आत्मकथा में लिखते भी हैं कि व्यक्ति कैसे शो-बिज़नेस में होकर भी अकेला होता चला जाता था…..पर कहते हैं ना कि सितारे यूं भी अक्सर अकेले ही तो होते हैं।



हाल की पोस्ट


हे विद्यार्थी! सदा न तेरा ये संघर्ष होगा
सपनों से हक़ीक़त तक: भारत की 10 शीर्ष महिला उद्यमी
नशा नाश का मूल
उच्च शिक्षा और NET की बदहाली
स्मार्टफोन: कितना स्मार्ट, कितना ख़तरनाक?
वर्ल्ड कप हमारा है लेकिन इससे क्या कुछ बदलेगा?
वो जो दुनिया की सबसे बड़ी भीड़ में भी अकेला ही रह गया!
संघर्ष जीवन का अभिन्न हिस्सा होते हैं
क्रिकेट अमेरिका क्यों पहुंचा, इससे किसका फायदा
रचनात्मकता में है बेहतरीन करियर


लोकप्रिय पोस्ट


हे विद्यार्थी! सदा न तेरा ये संघर्ष होगा
सपनों से हक़ीक़त तक: भारत की 10 शीर्ष महिला उद्यमी
नशा नाश का मूल
उच्च शिक्षा और NET की बदहाली
स्मार्टफोन: कितना स्मार्ट, कितना ख़तरनाक?
वर्ल्ड कप हमारा है लेकिन इससे क्या कुछ बदलेगा?
वो जो दुनिया की सबसे बड़ी भीड़ में भी अकेला ही रह गया!
संघर्ष जीवन का अभिन्न हिस्सा होते हैं
क्रिकेट अमेरिका क्यों पहुंचा, इससे किसका फायदा
रचनात्मकता में है बेहतरीन करियर