रील्स के दौर में समझदारी है जरूरी

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  30-Sep-2024 | शालिनी श्रीवास्तव




रील्स आज के दौर का सबसे मनोरंजक माध्यम बनता जा रहा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम स्मार्टफोन की सरपट भागती और एक क्लिक में सबकुछ पाने की ख्वाहिश रखने वाली ऑडियंस बनते जा रहा हैं। हमें लम्बी कहानियां उपन्यास पढ़ने का समय नहीं मिलता हमें छोटे वीडियो जो कि बस एक मिनट का टाइम लें और भरपूर मनोरंजन कर सकें ऐसे मनोरंजन की आदत हो गयी है। रील्स आपको बहुत काम समय से आपकी पसंद के अनुसार कंटेंट दिखाती है और मनोरंजन भी करती हैं। सोशल मीडिया के एल्गोरिथ्म के अनुसार आपको उसी तरह की रील्स आपके सोशल मीडिया में दिखाई देती हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं जिस प्रकार की रील्स और विषय में आपकी रूचि होती है। यही कारण हैं कि एक बार हम रील्स देखने बैठते हैं तो खूब साडी रील्स स्क्रॉल करते जाते हैं क्योंकि वो सारी रील्स आपकी रूचि और विचारधारा के अनुरूप ही आती जाती हैं। स्मार्टफोन के एडिक्शन की वजहों में रील्स आज एडिक्शन की बहुत बड़ी वजह बनता जा रहा है। बच्चे,बूढ़े या युवा सभी की अपनी पसंद के अनुरूप रील्स सोशल मिडिया में उपलब्ध हैं और रील्स बनाना भी इतना आसान है कि आज हर दूसरा व्यक्ति रील्स बनाने में माहिर है।

कैसे हुई शुरुआत?

रील्स की शुरुआत 2010 के दशक में हुई थी, जब विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों ने अपने उपयोगकर्ताओं को वीडियो सामग्री बनाने और साझा करने की अनुमति देना शुरू किया था। हालाँकि, रील्स के रूप में जिसे हम आज जानते हैं, वह 2019 में टिक्टोक के साथ शुरू हुआ था।

टिक्टोक ने पहली बार चीन में 2016 में डबस्मैश के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन 2019 में इसका नाम बदलकर टिक्टोक कर दिया गया था। टिक्टोक ने उपयोगकर्ताओं को 15-सेकंड से 60-सेकंड के वीडियोज़ बनाने और साझा करने की अनुमति दी, जिसने जल्द ही वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता हासिल की।

इसके बाद, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे कि इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फ़ेसबुक ने भी अपने स्वयं के रील्स फ़ीचर शुरू किए, जो आज भी जारी हैं।

रील्स के इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण वर्ष हैं:
- 2016: डबस्मैश की शुरुआत
- 2019: टिक्टोक की शुरुआत
- 2020: इंस्टाग्राम रील्स की शुरुआत
- 2021: यूट्यूब शॉर्ट्स की शुरुआत

आज, रील्स सोशल मीडिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उपयोगकर्ताओं को अपनी प्रतिभा दिखाने, मनोरंजन करने और पैसे कमाने का एक मौका देता है।

आज रील्स के माध्यम से कई तरीकों से करियर में हाथ आजमाए जा रहे हैं:

1. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर: रील्स बनाकर आप सोशल मीडिया पर एक इन्फ्लुएंसर बन सकते हैं और ब्रांड्स के साथ कोलैबोरेशन करके काम कर सकते हैं।ब्रांड्स इसके लिए आपको पेमेंट भी देती हैं। इन्फ्लुएंसर अपने डेली के कामों और दिनचर्या के ब्लॉग बनाकर लोगों को इन्फ़्लुएंस करने का काम करते हैं। अगर आपको घूमने का शौक है तो आप ट्रैवल ब्लॉगिंग या ट्रैवलॉग भी बना सकते हैं।

2. वीडियो क्रिएटर: आप रील्स बनाकर यूट्यूब, टिक्टोक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर अपने चैनल बना सकते हैं और वीडियो क्रिएटर के रूप में करियर बना सकते हैं।आज साधारण सी पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति और बड़ी बड़ी हस्तियां सभी इस प्रकार से वीडियोस बनाकर वीडियो क्रिएटर के रूप में प्रसिद्ध हो रहे हैं और इसी से बड़ी कमाई भी कर रहे हैं।

3. एक्टर/एक्ट्रेस: रील्स बनाकर आप एक्टिंग की दुनिया में अपना करियर बना सकते हैं।केवल उपलब्ध ऑडियो पर लिपसिंक करके या फिर स्वयं अपनी ओरिजिनल ऑडियो के साथ आप एक्टिंग कर सकते हैं। रील्स में अपनी सुविधानुसार आप कॉमेडी, इमोशनल ,ड्रामा किसी भी प्रकार की एक्टिंग का चुनाव कर सकते हैं। क्या पता कभी आपकी रील्स वायरल होकर किसी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर तक पहुंच जाए और वो आपको फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए ऑफर कर दे।

4. डायरेक्टर/प्रोड्यूसर: आप रील्स बनाकर डायरेक्टर या प्रोड्यूसर के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं।अगर आपमें अच्छे डायरेक्शन की खूबी है तो इस रस्ते में रील्स बनाकर डायरेक्शन शुरू करना आज के दौर में एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।

5. डिजिटल मार्केटर: रील्स बनाकर आप डिजिटल मार्केटर के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।किसी कम्पनी के प्रोडक्ट का प्रसार करने के लिए आजकल कंपनियां बकायदा एक डिजिटल मार्केटर की नियुक्ति करती हैं जिसे इस कार्य में कुशलता हासिल हों। इस समय विभिन्न एकेडमिक संस्थाएं डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स भी करवाती हैं जिससे डिजिटल मार्केटर बनना और भी आसान हो गया है।

6. कंटेंट क्रिएटर: आप रील्स बनाकर कंटेंट क्रिएटर के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।आप को जिस भी विषय में महारत हासिल हो उसी विषय में आप अपना कंटेंट क्रिएट क्र सकते हैं जिसे लोग देखना पसंद करें जैसे कि यदि आप डॉक्टर हैं तो मेडिकल जानकारी देने वाला कंटेंट क्रिएट कर सकते हैं या फिर आप अगर कविताएं लिखने में माहिर हैं तो कविताओं को लिखकर और उनको ाची तरह से प्रस्तुत करके भी अपने रील्स का कंटेंट बना सकते हैं। सामाजिक मुद्दों पर भी लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रील्स बनाई जा सकती हैं।

7. ब्रांड एम्बेसडर: रील्स बनाकर आप ब्रांड्स के लिए एम्बेसडर बन सकते हैं।इसमें आपको कम्पनी के द्वारा जिस प्रोडक्ट का एम्बेस्डर बनाया जाता है आप अपनी रील्स के द्वारा उसी प्रोडक्ट का प्रमोशन करते हैं।

रील्स के माध्यम से अपने करियर को भी नई उंचाईयों तक ले जास कटे हैं जैसे आप एक प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट हैं तो आप अपने मेकअप करते हुए क्लाइंट्स के वीडियो रील्स के माध्यम से शेयर कर सकते हैं जिससे आपका प्रचार होगा या फिर आप रील्स के माध्यम से लोगों को मेकअप कराना सिखा भी सकते हैं। या फिर आप यदि पकिसी विषय में महारत हासिल हो तो लोगों को रील्स के माध्यम से सिखाया बताया या फिर पढ़ाया भी जा सकता है। जैसे खाना बनाने में कुशल शेफ खाना बनाने की वीडियोज डालकर लोगों को सिखाते हैं। इन सभी तरीकों से, रील्स बनाने से आप अपना करियर बना सकते हैं या फिर अपने करियर को और अच्छा बना सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

रील्स के लिए नियम कानून

हाल ही में रील्स बनाने की दीवानगी के कारण एक परिवार की दर्दनाक हादसे ने जान ले ली। इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया।लखीमपुर खीरी में रील बनाने के चक्कर में ट्रेन की चपेट में आने से दंपती और उनके इकलौते बेटे की मौत हो गई। तीनों इंजन के अगले हिस्से में फंसने के बाद दो सौ मीटर तक घिसटते चले गए। शवों के चीथड़े उड़ गए। वहां मौजूद लोग हादसा देखकर सन्न रह गए।

सीतापुर के लहरपुर कस्बे के मो। अहमद (30) पत्नी नाजमीन (24) और ढाई साल के बेटे अरकम के साथ मंगलवार को हरगांव सीतापुर के क्योंटीकलां में ताजिये का 40वां मेला देखने आए थे। ब रेलवे पुल के नजदीक अहमद और नाजमीन मोबाइल फोन से रील बनाने लगे। बेटा मां की गोद में ही था। इसी समय खनऊ-पीलीभीत पैसेंजर ट्रेन आ गई। यह देख दंपती भागे। हड़बड़ी में मासूम बेटा गोद से छिटककर पटरी पर गिर गया। उसे उठाने में तीनों उसकी चपेट में आ गए। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

इसी प्रकार लोगों की रील्स बनाने को लेकर बढ़ती हुई दीवानगी और इसके कारण होने वाली दुर्घटनाओं और लोगों को होने वाली असविधाओं को ध्यान में रखकर कुछ नियम भी लागू किये गए हैं। हाल ही में दिल्ली के एक फ्लाई ओवर में ट्रैफिक रोककर एक शख्स ने रील बनाई था। जिसे बाद में दिल्ली पुलिस ने पकड़कर दंडित किया था और उसपर जुर्माना भी लगाया था। अगर आप रील बनाने के दौरान कुछ ऐसा कंटेंट शेयर कर दे रहे हैं। जिसकी कानून आपको इजाजत नहीं देता। तो फिर आप पर कार्रवाई हो सकती है। आपको पुलिस गिरफ्तार भी कर सकती है।

रेल अधिनियम 1989 की धारा 145 और 147 के तहत रेल की पटरी या प्लेटफॉर्म के किनारे सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर 1000 रुपये का जुर्माना या 6 महीने तक जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है।”

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर जिले (Gwalior) के अधिकारियों ने शनिवार को सार्वजनिक स्थानों और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर रील बनाने तथा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब रील या वीडियो बनाना आसान नहीं होगा। यह कदम सोशल मीडिया पर एक महिला द्वारा यहां जिलाधिकारी कार्यालय में हिंदी फिल्म के गाने पर नृत्य करने का वीडियो सामने आने के बाद उठाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि लोग रील्स बनाने और वायरल होने की ख्वाहिश में सार्वजनिक स्थानों पर अभद्र व्यवहार और नृत्य आदि कर रहे थे जिससे जनसामान्य को असुविधा हो रही थी।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जिलाधिकारी रुचिका चौहान द्वारा जारी की गयी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और साइबर कानूनों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

लिखित में लेनी होगी शूटिंग की अनुमति

आदेश में कहा गया है कि ऐसे स्थानों पर शूटिंग करने के इच्छुक लोगों को संबंधित विभाग या प्राधिकरण से लिखित अनुमति लेनी होगी और शूटिंग से तीन दिन पहले अनुमति को पुलिस अधीक्षक (एसपी) और क्षेत्र के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

आईटी एक्ट के तहत एक्शन लिया जा सकता है। आईटी एक्ट की धारा 67 और 67 ए सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का अश्लील सामग्री से संबंधित कंटेंट प्रतिबंधित करती है। अगर आपने इस तरह का कोई भी कंटेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो फिर आपको 3 से 5 साल की जेल भी हो सकती है। आईटी एक्ट की धारा 67 और 67 ए के तहत न सिर्फ अश्लील कंटेंट बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। बल्कि कोई इंटरनेट पर अश्लील कमेंट करता है या उसे लाइक करता है या उसे शेयर करता है। तो उसे भी इन धाराओं के तहत अपराधी माना जाएगा।

धार्मिक स्थलों पर रील्स बनाने पर रोक

उत्तराखंड सरकार ने चार धामों (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ) के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स और वीडियोग्राफ़ी पर रोक लगा दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि मंदिरों में रील्स बनाने से लोग एक जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं और असुविधा होती है। उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां नैना देवी मंदिर में भी रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को मर्यादित कपड़े पहनकर मंदिर में जाने के लिए भी कहा है। हनुमान टेकरी मंदिर पर फ़िल्माई गई एक रील वायरल होने के बाद, हिंदू जागरण मंच और जिला अभिभाषक संघ ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में धार्मिक, ऐतिहासिक, और पुरातात्विक स्थलों पर रील्स बनाने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि रील्स देखने वाले इसे मात्र मनोरंजन के लिए या जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से संयमित रूप से देखें जिससे उनकी आँखों और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे और रील्स देखने में बहुत ज्यादा समय भी बर्बाद न हो इसका भी ख्याल रखें। रील्स बनाने वाले लोग अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए किसी भी रील्स को पोस्ट करें और रील्स बनाते समय भी स्वयं की और लोगों की सुरक्षा और स्थिति का ख्याल रखें। ऐसा कंटेंट न बनाये जिससे भविष्य में उन्हें या लोगों को किसी प्रकार की परेशानी झेलनी पड़े।



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