03-Mar-2025
विश्व वन्यजीव दिवस
विविध
चर्चा में क्यों?
विश्व वन्यजीव दिवस 2013 से प्रतिवर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है।
- स्थापना: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा स्थापित
- महत्त्व: जैव विविधता का जश्न मनाता है, वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है
- थीम: Wildlife Conservation Finance: Investing in People and Planet अर्थात् वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और ग्रह में निवेश
- सुविधाकर्त्ता: लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES)
- प्रमुख फोकस क्षेत्र
- संरक्षण के लिये नवीन वित्तीय समाधान
- जैव विविधता संरक्षण और सतत् निवेश
भारत में वन्यजीव संरक्षण
- संरक्षित क्षेत्र
- 106 राष्ट्रीय उद्यान, 573 वन्यजीव अभयारण्य, 115 संरक्षण रिज़र्व, 220 सामुदायिक रिज़र्व
- भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 5.32% हिस्सा कवर करता है
- जैव विविधता
- 400 से अधिक स्तनधारी, 1300 से अधिक पक्षी, 600 से अधिक सरीसृपों का घर
- विश्व की बाघ आबादी का 75% (2022 की जनगणना के अनुसार 3,682)
- एशियाई शेर केवल गुजरात के गिर वन में पाए जाते हैं (2020 की जनगणना के अनुसार 674 )
- प्रमुख संरक्षण कार्यक्रम
- प्रोजेक्ट टाइगर (1973) – बाघ संरक्षण
- प्रोजेक्ट एलीफेंट (1992) – हाथी संरक्षण
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) - प्रजातियों के संरक्षण के लिये कानूनी ढाँचा
संरक्षण उपाय और सरकारी पहल
- बायोस्फीयर रिज़र्व – 18 रिज़र्व, 10 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त
- पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) - संरक्षित क्षेत्रों के आसपास बफर ज़ोन
- सामुदायिक संरक्षण कार्यक्रम – पारिस्थितिकी पर्यटन और सतत् आजीविका को बढ़ावा देना
- ग्रीन बॉण्ड और वन्यजीव संरक्षण वित्त – जैव विविधता संरक्षण के लिये नए वित्तपोषण तंत्र