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विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025

पर्यावरण और पारिस्थितिकी


 03-Feb-2025

चर्चा में क्यों?  

जैव विविधता, मानव कल्याण और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में आर्द्रभूमि के महत्त्व के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये यह दिवस प्रतिवर्ष 2 फरवरी को मनाया जाता है।  

  • थीम/ विषय: "Protecting Wetlands for Our Common Future अर्थात् हमारे साझा भविष्य के लिये आर्द्रभूमियों का संरक्षण।"  
    • आर्द्रभूमि: मौसमी या स्थायी रूप से जल से संतृप्त पारिस्थितिक तंत्र, जिनमें मैंग्रोव, नदियाँ, झीलें, बाढ़ के मैदान और प्रवाल भित्तियाँ शामिल हैं।  

आर्द्रभूमि (वेटलैंड) का महत्त्व  

  • बाढ़ को कम करना, समुद्रतटों की सुरक्षा करना तथा प्रदूषकों को फिल्टर करना।  
  • 1 अरब से अधिक लोगों और विश्व की 40% प्रजातियों का समर्थन करना।  
  • भोजन, कच्चा माल, दवाइयाँ और जल विद्युत उपलब्ध कराना।  
  • परिवहन, पर्यटन और सांस्कृतिक कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण।  
  • वाणिज्यिक और मनोरंजक मछली पकड़ने के उद्योगों के लिये आवश्यक।  

आर्द्रभूमियों के लिये खतरे:  

  • कृषि एवं विकास: खेती और बस्तियों के लिये जल निकासी की जाती है, जिससे उनके पारिस्थितिक लाभ कम हो जाते हैं।  
  • प्रदूषण: आर्द्रभूमि प्रदूषकों को साफ करती हैं, लेकिन पारे जैसे औद्योगिक प्रदूषण से जूझती हैं।  
  • जलवायु परिवर्तन: समुद्र के स्तर में वृद्धि, सूखा और आवास की हानि आर्द्रभूमियों के क्षय को तीव्रता प्रदान कर रहे हैं।
  • आर्द्रभूमि की हानि: 1970-2015 के बीच वैश्विक आर्द्रभूमि का 35% भाग नष्ट हो गया।  

UNESCO और रामसर अभिसमय की भूमिका  

  • UNESCO रामसर अभिसमय का समर्थन करता है तथा आर्द्रभूमि संरक्षण और सतत उपयोग को बढ़ावा देता है।  
  • आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल, UNESCO विश्व धरोहर स्थल या बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया जा सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा और संसाधन तक पहुँच बढ़ जाएगी।  

 विश्व आर्द्रभूमि दिवस और COP15  

  • 2025 विश्व आर्द्रभूमि दिवस का विषय जुलाई 2025 में विक्टोरिया फॉल्स, जिम्बाब्वे (एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल) में आयोजित होने वाले 15वें रामसर COP के साथ संरेखित है।  
  • COP15 आर्द्रभूमि संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा और भविष्य के वैश्विक लक्ष्य निर्धारित करेगा।  

क्या आप जानते हैं?  

  • इंदौर और उदयपुर, आर्द्रभूमि पर रामसर अभिसमय के तहत मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि शहरों की वैश्विक सूची में शामिल होने वाले पहले दो भारतीय शहर बन गए हैं।  
  • वर्तमान में भारत में 89 रामसर स्थल हैं।  
  • फरवरी 2025 में नए जोड़े गए रामसर स्थल  
  • सक्कराकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)  
  • थेरथंगल/ तीर्थंगल/ Therthangal पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
  • खेचेओपलरी वेटलैंड (सिक्किम)  
  • उधवा झील (झारखंड)