विश्व व्यापार संगठन (WTO)
वैश्विक मामले
24-Dec-2024
विश्व व्यापार संगठन की उत्पत्ति
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) का स्थान लिया है, जिसकी स्थापना 1947 में की गई थी।
- विश्व व्यापार संगठन का निर्माण GATT वार्ता के उरुग्वे दौर (1986-1994) के परिणामस्वरूप हुआ तथा 1 जनवरी, 1995 को इसका संचालन शुरू हुआ।
- 1994 में मोरक्को के माराकेश में हस्ताक्षरित “मारकेश समझौते” ने औपचारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की।
विश्व व्यापार संगठन
- विश्व व्यापार संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो राष्ट्रों के बीच व्यापार के नियम निर्धारित करता है।
- GATT के विपरीत, जो मुख्य रूप से वस्तुओं के व्यापार पर केंद्रित था, WTO वस्तुओं, सेवाओं और बौद्धिक संपदा, जैसे डिज़ाइन, आविष्कार और व्यापार सृजन के व्यापार को कवर करता है।
- इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
सदस्य
- विश्व व्यापार संगठन में यूरोपीय संघ सहित 164 सदस्य देश हैं तथा ईरान, इराक, भूटान और लीबिया जैसी 23 पर्यवेक्षक सरकारें हैं।
- भारत GATT (1947) और WTO दोनों का संस्थापक सदस्य है।
शासकीय संरचना
- मंत्रिस्तरीय सम्मेलन:
- सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय, जिसमें सभी WTO सदस्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- बहुपक्षीय व्यापार समझौतों के अंतर्गत मामलों पर निर्णय लेने के लिये कम से कम हर दो वर्ष में बैठक होती है।
- सामान्य परिषद्:
- इसमें सभी विश्व व्यापार संगठन के सदस्य शामिल होते हैं तथा यह मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को रिपोर्ट करता है।
- दो रूपों में संचालित होता है:
- विवाद निपटान निकाय: विवाद समाधान प्रक्रियाओं की देख-रेख करता है।
- व्यापार नीति समीक्षा निकाय: सदस्यों की व्यापार नीतियों की समीक्षा करता है।
उद्देश्य
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये नियम स्थापित करना और लागू करना।
- व्यापार वार्ता के लिये एक मंच प्रदान करना तथा व्यापार उदारीकरण की निगरानी करना।
- सदस्य राष्ट्रों के बीच व्यापार विवादों का समाधान करना।
- निर्णय लेने में पारदर्शिता बढ़ाना। अन्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थाओं के साथ सहयोग करना।
- वैश्विक व्यापार से लाभान्वित होने में विकासशील देशों की सहायता करना।