विश्व कुष्ठ दिवस
विविध
31-Jan-2025
चर्चा में क्यों?
विश्व कुष्ठ दिवस जनवरी के आखिरी रविवार को विश्वभर में मनाया जाता है। भारत में यह दिवस प्रतिवर्ष 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है।
कुष्ठ रोग (हैन्सन रोग)
- कारण एवं संचरण
- कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है।
- यह त्वचा, परिधीय तंत्रिकाओं, आँखों और श्लैष्मिक सतहों को प्रभावित करता है।
- इसका संक्रमण अनुपचारित रोगियों के साथ लंबे समय तक संपर्क के दौरान नाक और मुँह से निकली बूँदों के माध्यम द्वारा होता है।
- वर्गीकरण
- पॉसीबैसिलरी (PB): कम जीवाणु भार वाले स्मीयर-नकारात्मक मामले।
- मल्टीबैसिलरी (MB): स्मीयर-पॉजिटिव मामले, अधिक संक्रामक।
- उपचार:
- कुष्ठ रोग का उपचार संभव है और शीघ्र उपचार से विकलांगता से बचाव होता है।
- बहु-औषधि चिकित्सा (MDT) में डैप्सोन, रिफाम्पिसिन और क्लोफाज़िमाइन शामिल हैं, जो 1995 से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
- वैश्विक बोझ
- कुष्ठ रोग 120 से अधिक देशों में पाया जाता है तथा प्रतिवर्ष 200,000 से अधिक नए मामले सामने आते हैं।
- 2022 में, 182 देशों में 1.65 लाख मामले सामने आए, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में थे।
- भारत और कुष्ठ रोग
- भारत ने वर्ष 2005 में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में कुष्ठ रोग का उन्मूलन कर लिया था (प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 से भी कम मामला)।
- इसकी व्यापकता दर 0.4 प्रति 10,000 है तथा यह अभी भी कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानिक है।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 2025
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