इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में ज्वालामुखी उद्भेदन

भूगोल


 05-Nov-2024

चर्चा में क्यों?  

इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप पर माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और एक कॉन्वेंट सहित कई घर नष्ट हो गए। विस्फोट के कारण ज्वालामुखी का मलबा 6 किलोमीटर तक फैल गया, जिससे कई गाँवों के 10,000 निवासी प्रभावित हुए। अधिकारियों ने अलर्ट स्तर को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है, क्योंकि बचाव दल चल रही भूकंपीय गतिविधि के बीच और अधिक पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं। इंडोनेशिया में इस तरह के ज्वालामुखी विस्फोट होना असामान्य नहीं है, क्योंकि यह प्रशांत क्षेत्र में प्रसिद्ध 'रिंग ऑफ फायर' के साथ स्थित है।  

प्रशांत महासागरीय रिंग ऑफ फायर  

  • रिंग ऑफ फायर, जिसे सर्कम-पैसिफिक बेल्ट भी कहा जाता है, प्रशांत महासागर के किनारे एक मार्ग है जो सक्रिय ज्वालामुखियों और लगातार आने वाले भूकंपों से चिह्नित है।  
  • पृथ्वी के अधिकांश ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप रिंग ऑफ फायर के आसपास होते हैं।  
  • यह प्रशांत, जुआन डे फूका, कोकोस, भारतीय ऑस्ट्रेलियाई, नाज़का, उत्तरी अमेरिकी और फिलीपीन प्लेटों सहित कई विवर्तनिक प्लेटों के बीच सीमाओं का पता लगाते हुए लगभग 40,000 किलोमीटर (24,900 मील) तक फैला हुआ है।  
  • कवर किये गए देश: बोलीविया, चिली, इक्वाडोर, पेरू, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, रूस, जापान, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, न्यूज़ीलैंड और अंटार्कटिका    
  • यह 450 से अधिक सक्रिय और निष्क्रिय ज्वालामुखियों (पृथ्वी के कुल ज्वालामुखियों का 75%) का घर है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर अर्द्धवृत्त या घोड़े की नाल के आकार का निर्माण करते हैं।  
  • इंडोनेशिया का माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी, जो 1815 में फटा था, इतिहास में सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट था।  
  • यह इतिहास में आए सबसे विनाशकारी भूकंपों का स्थल रहा है, जिसमें 1960 और 2010 का चिली भूकंप, 1964 का अलास्का भूकंप, 2011 का जापान भूकंप, तथा 2004 में हिंद महासागर में आई विनाशकारी सुनामी शामिल है।