विजय दिवस
इतिहास
17-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है, यह 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का प्रतीक है, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
- ऐतिहासिक महत्त्व
16 दिसंबर, 1971 को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जो एक महत्त्वपूर्ण सैन्य जीत थी। इसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ और युद्ध समाप्त हो गया।
प्रमुख घटनाएँ
- यह युद्ध पूर्वी पाकिस्तान में मानवीय संकट के कारण शुरू हुआ, जिसके कारण लाखों शरणार्थी भारत भाग आये।
- भारत ने बंगाली स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया, जिसके परिणामस्वरूप 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
- युद्ध बांग्लादेश के गठन और शेख मुजीबुर रहमान के प्रथम राष्ट्रपति बनने के साथ समाप्त हुआ।
विजय दिवस का महत्त्व
- यह भारतीय सशस्त्र बलों और मुक्ति वाहिनी के बलिदान का सम्मान करता है।
- यह दिन भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करता है तथा उनके साझा इतिहास का जश्न मनाता है।
- यह दिवस विशेष रूप से युद्ध में शामिल राज्यों में, कार्यक्रमों, समारोहों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करके मनाया जाता है।
निष्कर्ष
- विजय दिवस भारत की सैन्य विजय और बांग्लादेश की मुक्ति का जश्न मनाता है, बलिदानों का सम्मान करता है और एकता को बढ़ावा देता है।