वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
विविध
04-Dec-2024
परिचय
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- लॉन्च: 15 फरवरी, 2023
- वित्तीय परिव्यय: सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के सफल कार्यान्वयन के लिये कुल 4800 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय को मंज़ूरी दी है।
- कार्यक्रम का उद्देश्य :
- VVP का प्राथमिक उद्देश्य लोगों को स्थायी आजीविका प्रदान करके और जीवन स्तर में सुधार करके इन दूरदराज़ के गाँवों में रहने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- यह कार्यक्रम चयनित गाँवों में विभिन्न हस्तक्षेपों को समर्थन देगा, जिनमें शामिल हैं:
- पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत संवर्द्धन: इन क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठाकर पर्यटन के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित करना।
- कौशल विकास एवं उद्यमिता: ग्रामीणों को नए कौशल प्राप्त करने में सहायता करना तथा आत्मनिर्भरता के लिये उद्यमिता को बढ़ावा देना।
- कृषि एवं बागवानी विकास: औषधीय पौधों एवं जड़ी-बूटियों की खेती सहित कृषि गतिविधियों को समर्थन प्रदान करना।
- सहकारी समितियों का विकास: किसानों और उद्यमियों की उन्नति में सहायता के लिये सहकारी समितियों को बढ़ावा देना।
- बेहतर कनेक्टिविटी: पहले से संपर्क से वंचित गाँवों को सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना, साथ ही दूरसंचार और टेलीविजन सेवाओं को बढ़ाना।
- ऊर्जा आपूर्ति: इन क्षेत्रों के लिये स्थायी विद्युत सुविधा सुनिश्चित करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा पहल पर ध्यान केंद्रित करना।
- बुनियादी ढाँचे का विकास: जीवन स्तर में सुधार के लिये भौतिक बुनियादी ढाँचे का उन्नयन।
इसे कहाँ लॉन्च किया गया है?
यह पाँच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 ज़िलों के सीमावर्ती क्षेत्रों को कवर करता है :
- अरुणाचल प्रदेश – 455 गाँव
- सिक्किम – 46 गाँव
- उत्तराखंड – 51 गाँव
- हिमाचल प्रदेश – 75 गाँव
- लद्दाख (UT) – 35 गाँव
मुख्य सफलताएँ
इसके शुभारंभ के बाद से, कार्यक्रम के अंतर्गत 6800 से अधिक गतिविधियाँ संचालित की गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
- जागरूकता अभियान
- सेवा वितरण शिविर
- स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा शिविर
- प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण गतिविधियाँ
- मेले एवं त्यौहार
- पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना
- इन हस्तक्षेपों का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी, कौशल संवर्द्धन और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।