06-Mar-2025
वैदिक साहित्य
इतिहास
वैदिक साहित्य क्या है?
वैदिक साहित्य हिंदू धर्म के सबसे पुराने धर्मग्रंथों, वेदों से प्राप्त ग्रंथों को संदर्भित करता है । इसमें शामिल हैं:
- संहिताएँ (भजन और प्रार्थनाएँ - ऋगवेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद)
- ब्राह्मण (अनुष्ठान और समारोह)
- आरण्यक (वन ग्रंथ - कर्मकाण्ड से दर्शन की ओर संक्रमण)
- उपनिषद (दार्शनिक और आध्यात्मिक ज्ञान)
प्रमुख विशेषताएँ
- ईश्वरीय माना जाता है - हिंदू वेदों को अपौरुषेय (मानव निर्मित नहीं) और नित्य (शाश्वत) मानते हैं।
- मौखिक परंपरा - याद रखने के माध्यम से पीढ़ियों से चली आ रही है, इसलिये इसे श्रुति कहा जाता है (जो सुना जाता है)।
- तीन कालखंडों में विभाजित - संहिता, ब्राह्मण और उपनिषदिक चरण।
वैदिक ग्रंथों के प्रकार
- संहिता (वेद) - देवताओं को समर्पित भजन
- ऋग्वेद : सबसे पुराना, इसमें 1,028 सूक्त हैं, प्रारंभिक भारतीय समाज की जानकारी देता है।
- सामवेद : "मंत्रों की पुस्तक", भारतीय संगीत का आधार।
- यजुर्वेद : "यज्ञ प्रार्थनाओं की पुस्तक", शुक्ल और कृष्ण यजुर्वेद में विभाजित।
- अथर्ववेद : इसमें जादू मंत्र, उपचार परंपराएँ शामिल हैं।
- ब्राह्मण - प्रत्येक वेद से जुड़े वैदिक अनुष्ठानों की व्याख्या करना (उदाहरण के लिये, ऋग्वेद के लिये ऐतरेय ब्राह्मण)।
- आरण्यक - अनुष्ठानों और दर्शन के बीच का सेतु, जिसका अध्ययन वनों में तपस्वियों द्वारा किया जाता था।
- उपनिषद - आत्मा और ब्रह्म (सार्वभौमिक सत्य) की खोज करने वाले दार्शनिक ग्रंथ। उदाहरण: छांदोग्य (सामवेद), मुंडका (अथर्ववेद)।
अतिरिक्त ग्रंथ
- वेदांग - छह पूरक विषय (व्याकरण, ध्वनिविज्ञान, खगोल विज्ञान, आदि)।
- सूत्र - व्यावहारिक दिशानिर्देश (जैसे, कानून और नैतिकता पर धर्म सूत्र)।
- धर्मशास्त्र - जाति नियमों सहित कानून और सामाजिक मानदंड।
- पुराण - ऐतिहासिक और धार्मिक कहानियों का विवरण देने वाले 18 पौराणिक ग्रंथ।
- अर्थशास्त्र - कौटिल्य का अर्थशास्त्र और राजनीति पर कार्य।
- कामसूत्र - आनंद और संबंधों पर मार्गदर्शन।
वैदिक साहित्य का महत्त्व
- हिंदू धर्म की नींव - अनुष्ठानों और विश्वासों को परिभाषित करता है।
- दार्शनिक प्रभाव - बौद्ध धर्म और जैन धर्म से प्रेरित।
- सांस्कृतिक प्रभाव - भारतीय समाज, भाषा और परंपराओं को आकार दिया।
- ऐतिहासिक अभिलेख - प्राचीन भारतीय सभ्यता के बारे में जानकारी प्रदान करता है।