केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये 1,000 करोड़ रुपए के उद्यम पूंजी कोष को मंजूरी दी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
25-Oct-2024
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने IN-SPACe के तहत भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से 1,000 करोड़ रुपए के वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को बढ़ाना है।
वेंचर कैपिटल फंड की मुख्य विशेषताएँ
- निधि आबंटन: पाँच वर्षों में ₹ 1,000 करोड़, औसत वार्षिक निवेश ₹ 150-250 करोड़ के बीच।
- निवेश सीमा: ₹10-60 करोड़ (उनके विकास चरण के आधार पर)।
- अपेक्षित स्टार्टअप को समर्थन मिलेगा: अंतरिक्ष क्षेत्र में 40 स्टार्टअप।
- निधि के उद्देश्य
- वृद्धि और विकास को प्रोत्साहित करने के लिये स्टार्टअप्स के लिये वित्तपोषण की सुलभता बढ़ाना।
- अंतरिक्ष कंपनियों को भारत में बने रहने के लिये प्रोत्साहित करना तथा विदेश में स्थानांतरण की प्रवृत्ति का प्रतिकार करना।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा देना तथा भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विस्तार करना।
- अंतरिक्ष आपूर्ति शृंखला में रोज़गार सृजित करना और आत्मनिर्भर भारत पहल में योगदान देना।
IN - SPACE के बारे में
- इसे जून 2020 में निजी संस्थाओं की सभी अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों के लिये एकल-खिड़की, स्वतंत्र, नोडल एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना।
- यह अंतरिक्ष विभाग (DOS) के अंतर्गत एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह NGE (गैर-सरकारी संस्थाओं) की विभिन्न अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, अधिकृत करने और पर्यवेक्षण करने के लिये जिम्मेदार है ।
- इसमें प्रक्षेपण वाहनों और उपग्रहों का निर्माण तथा अंतरिक्ष आधारित सेवाएँ प्रदान करना; डीओएस/इसरो के नियंत्रण में अंतरिक्ष अवसंरचना और परिसर को साझा करना; तथा नई अंतरिक्ष अवसंरचना और सुविधाओं की स्थापना करना शामिल है।