तबला वादक- जाकिर हुसैन
विविध
17-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
तबला वादक जाकिर हुसैन का 16 दिसंबर, 2024 को इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण निधन हो गया।
प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण
- प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन ने अपने पिता के मार्गदर्शन में छोटी उम्र में ही तबला प्रशिक्षण शुरू कर दिया था।
करियर और योगदान
एक वैश्विक आइकन, जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को जैज़, विश्व संगीत और फ्यूज़न के साथ मिश्रित किया। उन्होंने रविशंकर, जॉन मैकलॉघलिन और जॉर्ज हैरिसन जैसे दिग्गजों के साथ सहयोग किया और फ्यूज़न समूह "शक्ति" के सदस्य थे।
मुख्य सफलताएँ
- वर्ष 2009 में सर्वश्रेष्ठ समकालीन विश्व संगीत एल्बम के लिये ग्रैमी पुरस्कार।
- भारतीय संगीत में योगदान के लिये 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित।
- प्रदर्शन और शिक्षण के माध्यम से विश्व स्तर पर तबला को बढ़ावा दिया।
संगीत शैली
- जटिल लय और रचनात्मकता के लिये जाने जाने वाले जाकिर हुसैन के तबला वादन में पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का सम्मिश्रण था, जिसमें एक अनूठी तात्कालिक शैली थी।
विरासत
- जाकिर हुसैन ने वैश्विक संगीत में तबला की भूमिका में क्रांतिकारी बदलाव किया और भारतीय संस्कृति के राजदूत बन गए, जिससे उन्हें विश्वव्यापी मान्यता प्राप्त हुई।