दूरसंचार (प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय, संदेशों की कानूनी इंटरसेप्शन के लिये) नियम, 2024

भारतीय राजनीति


 23-Dec-2024

चर्चा में क्यों?  

दूरसंचार विभाग (DoT) ने 6 दिसंबर, 2024 को दूरसंचार (संदेशों के वैध अवरोधन हेतु प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) नियम, 2024 को अधिसूचित किया।  

अवरोधन नियम (Interception Rules)  

  • उद्देश्य: नागरिकों के संदेशों को वैध रूप से रोकने के लिये प्रक्रियाएँ स्थापित करना।  
  • अधिक्रमण: भारतीय टेलीग्राफ नियम, 1951 के नियम 419 और 419A का स्थान लेगा तथा समाप्ति तक विद्यमान आदेशों का सम्मान करेगा।  
  • दायरा: दूरसंचार अधिनियम, 2023 का हिस्सा, दूरसंचार विनियमों के लिये एक आधुनिक ढाँचा।  

दूरसंचार अधिनियम, 2023  

  • यह स्पष्ट परिभाषाएँ प्रदान करता है जिससे अस्पष्टता कम हो जाती है और व्हाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसी इंटरनेट-आधारित संदेश सेवाओं को इसमें शामिल करने का दायरा बढ़ जाता है।  
  • मार्गाधिकार (RoW): हवाई अड्डों, बंदरगाहों और राजमार्गों सहित सार्वजनिक/निजी संपत्ति पर दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना को सरल बनाता है।  
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: धारा 20(2) सार्वजनिक सुरक्षा और आपात स्थितियों के लिये संदेश प्रसारण को रोकने की अनुमति देती है, जिससे अवरोधन के लिये अधिकृत संस्थाओं की संख्या बढ़ जाती है।  
  • डिजिटल भारत निधि: यह सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (USOF) का स्थान लेती है, जिससे अनुसंधान, विकास और पायलट परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण संभव हो पाता है।  
  • उपयोगकर्त्ता सुरक्षा  
    • बिना सहमति के अवांछित वाणिज्यिक संदेश भेजने पर ज़ुर्माना या सेवा प्रतिबंध लगाया जा सकता है।  
    • 'डू नॉट डिस्टर्ब' रजिस्टर अनिवार्य है।  
    • सिम कार्ड की सीमा: देश भर में 9 कार्ड; जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 6 (उल्लंघन पर 2 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना)।  
  • सामान्य नलिकाएँ: कुशल दूरसंचार बुनियादी ढाँचे के लिये केबल कॉरिडोर स्थापित करने के लिये पीएम गति शक्ति विज़न के साथ संरेखित।  
  • विनियामक सैंडबॉक्स: दूरसंचार नवाचार को बढ़ावा देने के लिये कानूनी ढाँचा।  
  • ऐतिहासिक संदर्भ (1885-2023)  
    • भारतीय दूरसंचार विनियमन तीन कानूनों के माध्यम से विकसित हुए:  
    • भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885  
    • भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933  
    • टेलीग्राफ तार (अवैध कब्ज़ा) अधिनियम, 1950 (2023 में निरस्त)।  
  • TRAI अधिनियम, 1997 ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) और दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) की स्थापना की।  
  • लाइसेंस देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा।  
    यह ढाँचा भारत के तेजी से विकसित हो रहे दूरसंचार क्षेत्र के प्रबंधन, उपयोगकर्त्ता संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा और नवाचार के बीच संतुलन स्थापित करने के लिये एक आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।