14-Feb-2025
पृथ्वी के आंतरिक कोर में संरचनात्मक परिवर्तन
भूगोल
चर्चा में क्यों?
नेचर जियोसाइंस के अध्ययन से पृथ्वी के आंतरिक कोर में संरचनात्मक परिवर्तनों का पता चला है।
मुख्य निष्कर्ष
- कार्यप्रणाली: अंटार्कटिका के निकट 1991-2024 तक की भूकंपीय तरंगें सूक्ष्म परिवर्तन दर्शाती हैं, जो कोर डायनेमिक्स का संकेत देती हैं।
- संरचनात्मक परिवर्तन: पृथ्वी के आंतरिक कोर की सतह पर संरचनात्मक परिवर्तन हो रहे हैं, जो पहले की इस धारणा को चुनौती दे रहा है कि यह कठोर और स्थिर है।
- कारण: तनाव के तहत मैग्मा प्रवाहित होता है, उसी प्रकार ठोस आंतरिक कोर और अस्थिर, पिघले हुए बाह्य कोर के बीच गतिशील अंतःक्रियाएँ आंतरिक कोर में चिपचिपा विरूपण (Viscous Deformation) उत्पन्न करती हैं।
आंतरिक कोर: तथ्य
- संरचना: अत्यधिक दबाव में ठोस लौह-निकेल गेंद।
- गहराई एवं आकार: 5,150 किमी गहराई, 1,220 किमी. त्रिज्या; लेहमैन असंतत्यता द्वारा बाह्य कोर से अलग।
- चुंबकत्व: पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है, जबकि बाह्य कोर का घूर्णन करता लोहा इसे उत्पन्न करता है।
- घूर्णन: पृथ्वी की तुलना में थोड़ा तेज़ गति से घूर्णन करता है, प्रत्येक 1,000 वर्ष में एक अतिरिक्त घूर्णन पूरा करता है।
- वृद्धि: 1 मिमी/वर्ष की दर से असमान रूप से विस्तारित होता है तथा धीमी क्रिस्टलीकरण और रेडियोधर्मी क्षय के कारण कभी भी पूरी तरह ठोस नहीं बनता।
पृथ्वी का आंतरिक भागपृथ्वी का आंतरिक भाग संकेंद्रित परतों से बना है:
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