18-Feb-2025
राज्यों में पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति: 2024 की रिपोर्ट
विविध
चर्चा में क्यों?
पंचायती राज मंत्रालय ने "राज्यों में पंचायतों को अधिकार हस्तांतरण की स्थिति" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से पूरे भारत में पंचायती राज संस्थाओं (PRI) को सशक्त बनाया जा रहा है।
मुख्य बिंदु
रिपोर्ट: परिचय
- पंचायत विकास सूचकांक 2024 के नाम से भी जाना जाता है, यह यह मापता है कि स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कितनी शक्ति और संसाधन प्रदान किये गए हैं।
- यह संविधान के अनुच्छेद 243G के अनुसार यह जाँचता है कि पंचायतें निर्णय लेने और कार्यों को संपादित करने में कितनी स्वतंत्र हैं।
- आयाम: रिपोर्ट छह क्षेत्रों के आधार पर पंचायतों का मूल्यांकन करती है: नियम और नीतियाँ, कार्य, निधि, स्टाफिंग, प्रशिक्षण और कौशल विकास, जवाबदेही
मुख्य निष्कर्ष
- पंचायतों को अधिक शक्तियाँ: ग्रामीण स्थानीय निकायों को दी गई शक्तियाँ वर्ष 2013-14 में 39.9% से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 43.9% हो गईं।
- शीर्ष एवं निम्नतम रैंक वाले राज्य:
- शीर्ष 5 राज्य: कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश
- सबसे कम रैंक वाले केंद्र शासित प्रदेश/राज्य: दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (13.62), पुडुचेरी (16.16), लद्दाख (16.18)
- बुनियादी ढाँचा और डिजिटलीकरण:
- सरकारी प्रयासों से पंचायतों के लिये बुनियादी ढाँचे, स्टाफिंग और डिजिटल उपकरणों में सुधार हुआ है।
- स्टाफिंग सूचकांक 39.6% से बढ़कर 50.9% हो गया।
- पंचायतों के लिये बेहतर प्रशिक्षण: राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA, 2018) ने प्रशिक्षण और कौशल निर्माण में सुधार करने में सहायता की, जिससे स्कोर 44% से बढ़कर 54.6% हो गया।