शिवाजी महाराज
इतिहास
31-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के तट पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा स्थापित की है, जो उनकी विरासत का सम्मान करती है और साहस और नेतृत्व का प्रतीक है।
छत्रपति शिवाजी महाराज: मुख्य बिंदु
प्रारंभिक जीवन
- जन्म: 19 फरवरी 1630, शिवनेरी किला, पुणे, महाराष्ट्र।
- माता-पिता: शाहजी भोंसले (मराठा सेनापति) और जीजाबाई (भक्त प्रभाव)।
- प्रारंभिक उपलब्धि: 1645 में किशोरावस्था में ही तोरणा और कोंडाना किलों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया।
मुगलों से संघर्ष
- अहमदनगर और जुन्नार के पास मुगल क्षेत्रों पर छापा मारा (1657)।
- पुणे में शाइस्ता खान के नेतृत्व में मुगल सेना को हराया (1659)।
- सूरत के मुगल बंदरगाह को लूटा (1664)।
- पुरंदर की संधि (1665) पर हस्ताक्षर किये, किले त्याग दिये और औरंगज़ेब से मिलने के लिये सहमत हुए।
महत्त्वपूर्ण लड़ाई
प्रतापगढ़ का युद्ध, 1659 |
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पवन खिंड की लड़ाई, 1660 |
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सूरत की लूट, 1664 |
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पुरंदर की लड़ाई, 1665 |
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सिंहगढ़ की लड़ाई, 1670 |
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कल्याण की लड़ाई, 1682-83 |
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संगमनेर की लड़ाई, 1679 |
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गिरफ्तारी और पलायन
- आगरा में औरंगज़ेब के साथ बैठक के दौरान गिरफ्तार (1666)।
- अपने पुत्र संभाजी के साथ छद्म वेश धारण कर एक पौराणिक पलायन किया।
- 1670 तक मुगलों से खोए हुए क्षेत्रों को पुनः प्राप्त किया गया।
उपाधियाँ और उपलब्धियाँ
- स्वीकृत उपाधियाँ: छत्रपति, शककर्त्ता, क्षत्रिय कुलवंत, हैण्डव धर्मोद्धारक।
- मराठा साम्राज्य को एक प्रमुख शक्ति के रूप में विस्तारित किया।
मृत्यु
- 1680 में निधन, रायगढ़ किले में अंतिम संस्कार किया गया।