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 04-Mar-2025

सैय्यद राजवंश (1414 – 1451 ई.)

इतिहास

सैय्यद राजवंश: परिचय 

सैय्यद राजवंश दिल्ली सल्तनत का चौथा शासक राजवंश था, जिसकी स्थापना तुगलक वंश के पतन के बाद हुई थी। इस राजवंश के शासकों ने पैगंबर मुहम्मद (सैय्यद) के वंशज होने का दावा किया था।  

मुख्य शासक  

  • खिज्र खान (1414 – 1421 ई.)  
    • सैय्यद वंश के संस्थापक।  
    • दौलत खान लोदी को हराया और दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया।  
    • तैमूर के उत्तराधिकारियों (मंगोलों) के अधीन एक जागीरदार के रूप में शासन किया।  
    • विस्तार के बजाय शक्ति को सशक्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।  
  • मुबारक शाह (1421 - 1434 ई.)  
    • खिज्र खान का पुत्र।  
    • मंगोल प्रभाव को कम करते हुए एक स्वतंत्र शासन स्थापित करने का प्रयास किया गया।  
    • अपने प्रशासनिक और सैन्य प्रयासों के लिये जाने जाते हैं।  
    • 1434 में कुलीनों द्वारा हत्या कर दी गई।  
  • मुहम्मद शाह (1434 - 1445 ई.)  
    • प्रबल नेतृत्व कौशल का अभाव। 
    • लगातार विद्रोह और केंद्रीय सत्ता के कमज़ोर होने का सामना करना पड़ा।  
    • कुलीनों और क्षेत्रीय शासकों की बढ़ती शक्ति को नियंत्रित नहीं किया जा सका।  
  • अलाउद्दीन आलम शाह (1445 - 1451 ई.)  
    • सैयद वंश का अंतिम शासक।  
    • कमज़ोर और अप्रभावी शासक, नियंत्रण बनाए रखने में असमर्थ।  
    • बहलुल लोदी के पक्ष में स्वेच्छा से सिंहासन त्याग दिया, जिससे लोदी राजवंश का उदय हुआ।  

सैय्यद वंश का पतन: लोधी वंश का प्रभाव बढ़ने से 1451 में बहलुल लोदी का उदय हुआ।