संविधान दिवस 2024 : एकता और लोकतंत्र की भावना का उत्सव
भारतीय राजनीति
26-Nov-2024
- भारतीय संविधान की विरासत का सम्मान करने के लिये यह दिवस 2015 से प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है ।
- गतिविधियों में प्रस्तावना पढ़ना, स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में बहस और चर्चाएँ शामिल हैं।
- ऐतिहासिक महत्त्व: भारतीय संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था, जो एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बनने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम था।
- मूल आदर्श:
- न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित।
- ब्रिटिश संसदीय प्रणाली, अमेरिकी अधिकार विधेयक और फ्राँसीसी आदर्शों जैसे मॉडलों से प्रेरित होकर, इसमें भारतीय लोकाचार को भी शामिल किया गया है।
- जीवित दस्तावेज़:
- संविधान गतिशील है, जिसमें अब तक 105 संशोधन हो चुके हैं, जो सामाजिक और वैश्विक परिवर्तनों के अनुरूप विकसित हो रहा है।
- आधारभूत सिद्धांतों को अनुकूलनशीलता के साथ संतुलित करता है।
- समावेशिता और एकता:
- सभी समुदायों और व्यक्तियों के लिये समान अधिकार सुनिश्चित करना तथा राष्ट्रीय शक्ति के रूप में विविधता पर बल देना।
- नागरिक सशक्तीकरण और राज्य की जवाबदेही को बनाए रखने के लिये मौलिक अधिकारों और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों को शामिल किया गया है।
- संस्थागत लोकतंत्र:
- स्वशासन और लोकतांत्रिक भागीदारी के लिये रूपरेखा प्रदान करता है।
- नागरिकों को शासन को आकार देने और जवाबदेही की मांग करने के लिये सशक्त बनाता है।
संविधान सभा:
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क्र. सं. |
समिति का नाम |
अध्यक्ष |
1 |
प्रक्रिया नियमों पर समिति |
राजेंद्र प्रसाद |
2 |
संचालन समिति |
राजेंद्र प्रसाद |
3 |
वित्त और कर्मचारी समिति |
राजेंद्र प्रसाद |
4 |
क्रेडेंशियल समिति |
अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर |
5 |
सदन समिति |
बी. पट्टाभि सीतारमैया |
6 |
कार्य समिति का आदेश |
के.एम. मुंसी |
7 |
राष्ट्रीय ध्वज पर तदर्थ समिति |
राजेंद्र प्रसाद |
8 |
संविधान सभा के कार्यों पर समिति |
जी.वी. मावलंकर |