रॉयल बंगाल टाइगर
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
30-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
ज़ीनत नामक तीन वर्षीया बाघिन इस महीने की शुरुआत में सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व से भाग गई थी। उसे रविवार को पश्चिम बंगाल के बांकुरा ज़िले में बेहोश करके पुनः पकड़ लिया गया।
भारत में बाघ संरक्षण की स्थिति और प्रयास
संरक्षण की स्थिति
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय
- CITES (लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन): परिशिष्ट I
भारत में बाघ
- भारत में विश्व की 70% से अधिक बाघ आबादी रहती है।
- देश के 18 राज्यों में 53 बाघ अभयारण्य हैं।
- 2018 की बाघ जनगणना में बाघों की आबादी में वृद्धि दर्ज की गई।
- भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र द्वारा निर्धारित वर्ष 2022 की समय-सीमा से चार वर्ष पहले ही बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य पूरा कर लिया।
- भारत की संरक्षण रणनीति बाघों की सुरक्षा में स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी पर ज़ोर देती है।
भारत में बाघ संरक्षण परियोजनाएँ
- प्रोजेक्ट टाइगर (1973)
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत एक केंद्र प्रायोजित योजना।
- इसका उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों के लिये सुरक्षित आवास बनाना है।
- नव गतिविधि
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने हाल ही में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्र को भारत का 53वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- यह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के आधार पर की गई थी।
सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व
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