रोहिणी नैय्यर पुरस्कार

विविध


 08-Nov-2024

रोहिणी नैय्यर पुरस्कार के बारे में  

  • उद्देश्य : भारत में ग्रामीण विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिये स्थापित किया गया।  
  • स्थापना: रोहिणी नैय्यर की स्मृति में, नैय्यर फाउंडेशन फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक पर्पज द्वारा स्थापित ।  
  • प्रारंभ: पहली बार वर्ष 2021 में रोहिणी नैय्यर के निधन के बाद प्रदान किया गया।  
  • पुरस्कार घटक : इसमें 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र और एक ट्रॉफी शामिल है।  
  • पात्रता : 40 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।  
  • रोहिणी नैय्यर की विरासत : नैय्यर एक अर्थशास्त्री और IAS अधिकारी थीं, जिन्होंने 1987 से 2005 तक भारत के योजना आयोग के साथ ग्रामीण विकास में काम किया और गरीबी और सामाजिक उत्थान के नए तरीकों की वकालत की।  

अनिल प्रधान के बारे में  

  • पृष्ठभूमि : ओडिशा के बराल गाँव के 28 वर्षीय इंजीनियर और शिक्षाविद्; यंग टिंकर फाउंडेशन के सह-संस्थापक।  
  • योगदान : 'टिंकर स्पेस' या शिक्षण प्रयोगशालाओं की शुरुआत करने के लिये जाने जाते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों के लिये STEM शिक्षा को व्यावहारिक बनाने में मदद करते हैं।  
  • नवोन्मेष : 'टिंकर-ऑन-व्हील्स ' नामक मोबाइल लैब का शुभारंभ किया गया, जो रोबोटिक्स और 3D प्रिंटिंग जैसे उपकरणों के साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों तक पहुँचना है।  
  • सम्मान : नवीन शिक्षण अनुभवों के साथ वंचित समुदायों के छात्रों को सशक्त बनाने तथा ग्रामीण युवाओं को STEM क्षेत्रों में अन्वेषण करने के लिये प्रेरित करने के लिये सम्मानित किया गया।  
  • ग्रामीण विकास पर वक्तव्य : ग्रामीण गरीबी और शिक्षा के बारे में धारणाओं में बदलाव की वकालत करता है, तथा ग्रामीण युवाओं की क्षमता के बारे में अधिक सशक्त दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है।