समता का अधिकार

सामान्य ज्ञान


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 05-Sep-2024
  • समता का अधिकार, भारतीय संविधान में एक मौलिक अधिकार के रूप में निहित है
  • यह एक न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है
  • समता का अधिकार निम्नलिखित अनुच्छेदों से संबंधित है।

अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समता और विधियों का समान संरक्षण।

अपवाद:

  • अनुच्छेद 361 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति या राज्यों के राज्यपाल अपनी शक्तियों/कर्त्तव्यों के प्रयोग के लिये किसी भी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं और उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी न्यायालय में उनके विरुद्ध कोई सिविल या आपराधिक कार्यवाही नहीं हो सकती या जारी नहीं रह सकती
  • अनुच्छेद 361-A के अनुसार, संसद के किसी भी सदन और राज्य विधानमंडल की किसी भी वास्तविक सत्य रिपोर्ट को प्रकाशित करने के लिये किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई सिविल या न्यायालय कार्यवाही नहीं हो सकती।
  • संसद का कोई भी सदस्य (अनुच्छेद 105) और राज्य विधानमंडल (अनुच्छेद 194) संसद या किसी समिति में उसके द्वारा कही गई किसी बात या दिये गए किसी मत के संबंध में किसी भी न्यायालयी कार्यवाही के लिये उत्तरदायी नहीं होगा
  • विदेशी संप्रभु (शासक), राजदूत और राजनयिकों को आपराधिक तथा सिविल कार्यवाही से छूट प्राप्त है।

अनुच्छेद 15: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का प्रतिषेध।

अपवाद

  • महिलाओं, बच्चों, सामाजिक या शैक्षणिक रूप से पिछड़े किसी भी वर्ग के नागरिकों के उत्थान के लिये कुछ प्रावधान किये जा सकते हैं (जैसे- आरक्षण और निशुल्क शिक्षा तक पहुँच)।

अनुच्छेद 16: सार्वजनिक रोज़गार के मामलों में अवसर की समानता।

अपवाद: 

  • राज्य सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न पाने वाले पिछड़े वर्ग के लिये नियुक्तियों या पदों में आरक्षण का प्रावधान है
  • साथ ही, किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था का पदाधिकारी किसी विशेष धर्म या संप्रदाय से संबंधित हो सकता है।

अनुच्छेद 17: यह ‘अस्पृश्यता’ को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को प्रतिबंधित करता है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी अक्षमता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा।

अनुच्छेद 18:

  • यह अनुच्छेद उपाधियों को समाप्त करता है और इस संबंध में चार प्रावधान करता है:
    • यह राज्य को किसी भी नागरिक या विदेशी को कोई उपाधि (सैन्य या शैक्षणिक सम्मान को छोड़कर) प्रदान करने से वर्जित करता है।
    • यह भारत के नागरिक को किसी भी विदेशी राज्य से कोई उपाधि स्वीकार करने से रोकता है
    • राज्य के अधीन कोई लाभ या विश्वास का पद धारण करने वाला कोई विदेशी व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति की सहमति के बिना किसी विदेशी राज्य से कोई उपाधि स्वीकार नहीं कर सकता
    • भारत के क्षेत्र में कोई लाभ या विश्वास का पद धारण करने वाला कोई भी नागरिक या विदेशी व्यक्ति राष्ट्रपति की सहमति के बिना किसी विदेशी राज्य से या उसके अधीन कोई उपहार, पारिश्रमिक या पद स्वीकार नहीं कर सकता।

आज समाचारों में प्रमुख हस्तियाँ 

नाम 

पदनाम 

छवि 

लॉरेंस वोंग 

 सिंगापुर के प्रधानमंत्री 

 

डॉ. अजय माथुर

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक  

 

माणिक साहा

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

 

 
जितेंद्र सिंह 

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के लिये राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

 

 

जस्टिन ट्रूडो 

कनाडा के प्रधानमंत्री