गणतंत्र दिवस

भारतीय राजनीति


 27-Jan-2025

गणतंत्र दिवस: महत्त्व और भारत का गणतंत्र बनने का सफर  

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?  

  • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) वह दिन है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तित हो गया।  
  • यह तिथि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के लाहौर अधिवेशन के दौरान पूर्ण स्वराज की घोषणा के सम्मान के लिये चुनी गई थी।  

 शब्द "गणतंत्र"  

  • लैटिन शब्द "रेस पब्लिका" से लिया गया है जिसका अर्थ है "सार्वजनिक मामला।"  
  • इस अवधारणा की जड़ें रोमन गणराज्य में हैं, जिसकी प्रारंभिक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था भारत के महाजनपदों जैसे कंबोज, कुरु और मल्ल में देखी जा सकती है। 

 ध्वजारोहण  

  • गणतंत्र दिवस  
  • भारत के राष्ट्रपति ध्वजारोहण (पोल के शीर्ष पर फहराया गया) करते हैं ।  
  • संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता के नवीनीकरण का प्रतीक है।  
  • स्वतंत्रता दिवस  
    • प्रधानमंत्री ध्वजारोहण (नीचे से उठाया गया) करते हैं।  
    • यह औपनिवेशिक शासन से मुक्ति और एक नए राष्ट्र के जन्म का प्रतिनिधित्व करता है।  

गणतंत्र दिवस का महत्त्व  

  • पूर्ण स्वतंत्रता: 26 जनवरी 1950 को भारत अपने संविधान के साथ एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।  
  • विविधता में एकता: यह भारत की एक ही संविधान द्वारा शासित होने की इच्छा को दर्शाता है।  
  • मूल मूल्य: संप्रभुता, लोकतंत्र और गणतंत्रात्मक सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करते हैं।  
    • संप्रभुता: भारत अपने मामलों में स्वतंत्र है।  
    • लोकतांत्रिक: सर्वोच्च शक्ति जनता के पास होती है।  
    • गणतंत्र: राष्ट्रपति राज्य का निर्वाचित प्रमुख होता है।  

संविधान की प्रमुख उपलब्धियाँ  

  • 26 नवंबर 1949: इस दिन संविधान को अपनाया गया और नागरिकता, चुनाव, अनंतिम संसद और संक्रमणकालीन अनुच्छेद जैसे प्रावधान लागू हुए।  
  • 26 जनवरी 1950: संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ, जिसने एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में भारत की यात्रा को चिह्नित किया।  

भारत के संविधान के बारे में मुख्य तथ्य  

  • अंगीकरण: 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया, 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ।  
  • लंबाई: 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियों (मूल रूप से) वाला सबसे लंबा लिखित संविधान।  
  • प्रारूप समिति: डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में।  
  • भाषा: अंग्रेज़ी और हिंदी में लिखित।  
  • हस्तलेखन: मूल प्रतियाँ प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा सुलेख में हस्तलिखित थीं।  
  • कलाकृतियाँ: इसमें शांतिनिकेतन के नंदलाल बोस और उनकी टीम द्वारा बनाए गए चित्र शामिल हैं।  
  • प्रस्तावना: भारत को संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।