हीराकुंड बाँध का नवीनीकरण
भूगोल
07-Oct-2024
चर्चा में क्यों?
ओडिशा सरकार ने हीराकुंड बाँध से जुड़ी छह दशक पुरानी नहर प्रणाली के नवीनीकरण के लिये 855 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जिससे संबलपुर, सुबरनपुर, बरगढ़ और बलांगीर ज़िलों के किसानों को मदद मिलेगी। वर्ष 2027-28 तक पूर्ण होने वाली इस परियोजना में मृदा की नहरों की जगह कंक्रीट के रास्ते बनाए जाएंगे, जिससे जल वितरण और दक्षता बढ़ेगी। इस नवीनीकरण का उद्देश्य जल की बर्बादी को कम करना और कृषि के लिये जलमग्न फसल भूमि को पुनः प्राप्त करना है।
हीराकुंड बाँध
- यह ओडिशा में संबलपुर के पास महानदी नदी पर स्थित है।
- वर्ष 1957 में पूरी हुई यह परियोजना स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं में से एक थी।
- यह भारत के सबसे लंबे बाँधों में से एक है और विश्व के सबसे लंबे मृदा के बाँधों में से एक है।
- यह बाँध एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील का निर्माण करता है जिसे हीराकुंड झील के नाम से जाना जाता है।
- यह मृदा, कंक्रीट और चिनाई से बना है।
- विद्युत उत्पादन: 359.8 मेगावाट (MW) ( ओडिशा हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के आँकड़ों के अनुसार )
- यह कटक और पुरी ज़िलों में बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करता है।
महानदी नदी के बारे में
- यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक है जो मध्य और पूर्वी भारत से होकर बहती है।
- महानदी का बेसिन छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड में फैला हुआ है।
- उद्भव: नगरी-सिहावा, धमतरी, दंडकारण्य,छत्तीसगढ़
- मुहाना: जगतसिंहपुर डेल्टा, बंगाल की खाड़ी, ओडिशा
- सहायक नदियाँ
- बाएँ: शिवनाथ, मांड, ईब, हसदेव, केलो
- दाएँ: ओंग, पैरी, जोंक, तेल