उपराष्ट्रपति को हटाना
भारतीय राजनीति
20-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
राज्य सभा के उपसभापति ने भारत के उपराष्ट्रपति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
अविश्वास प्रस्ताव
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उपराष्ट्रपति के संबंध में संवैधानिक प्रावधान
भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ
- अनुच्छेद 63: भारत के उपराष्ट्रपति का पद स्थापित करता है।
- अनुच्छेद 64: उपराष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति के रूप में कार्य करता है और वह कोई अन्य लाभ का पद नहीं धारण कर सकता है।
- अनुच्छेद 65: राष्ट्रपति के कर्त्तव्यों का पालन करते समय उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति के रूप में कार्य करना बंद कर देता है और संबंधित भत्ते ज़ब्त कर लेता है।
पात्रता मापदंड
- अनुच्छेद 66:
- भारतीय नागरिक होना चाहिये
- कम से कम 35 वर्ष की आयु
- राज्य सभा सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिये पात्र
- सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद नहीं रख सकता।
चुनाव प्रक्रिया
- अनुच्छेद 68: रिक्त पद के लिये चुनाव कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरा किया जाना चाहिये।
- अनुच्छेद 324: भारत का चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया की देख-रेख करता है।
- निर्वाचक मंडल: इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल संक्रमणीय मत का उपयोग करके संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।
शपथ और कार्यकाल
- अनुच्छेद 69: उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति या उसके नियुक्त प्रतिनिधि के समक्ष शपथ लेता है।
- अनुच्छेद 67: पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करता है, लेकिन उत्तराधिकारी के कार्यभार संभालने तक पद पर बना रहता है।
निष्कासन प्रक्रिया
- अनुच्छेद 67(b)
- इसके लिये 14 दिन की पूर्व सूचना के साथ राज्य सभा में प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पारित होना तथा लोक सभा द्वारा सहमति होना आवश्यक है।
- अनुच्छेद 92 के अनुसार अध्यक्ष या उप-सभापति निष्कासन कार्यवाही की अध्यक्षता नहीं कर सकते।
शक्तियाँ और प्रकार्य
- यदि कोरम पूरा न हो तो सदन की कार्यवाही स्थगित या निलंबित कर दी जाती है।
- दलबदल के लिये 10वीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य सभा सदस्यों की अयोग्यता पर निर्णय लिया गया।
- व्यवसाय सलाहकार समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति सहित प्रमुख समितियों की अध्यक्षता करते हैं।
- संविधान और सदन के नियमों की व्याख्या करना तथा निर्णय अंतिम माने जाते हैं।
क्या आप जानते हैं? |