प्रोबा-3 मिशन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
05-Dec-2024
प्रोबा-3 मिशन के बारे में
- मिशन लक्ष्य: प्रोबा-3 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा एक इन-ऑर्बिट डेमोस्ट्रेशन (IOD) मिशन है।
- उद्देश्य: अंतरिक्ष में सटीक फॉर्मेशन-फ्लाइंग का प्रदर्शन करना।
- घटक: कोरोनाग्राफ अंतरिक्ष यान (CSC) और ऑकुल्टर अंतरिक्ष यान (OSC) एक साथ स्टैक्ड कॉन्फिगरेशन में उड़ान भरेंगे।
मिशन की विशेषताएँ
- सटीक संरचना-उड़ान: प्रोबा-3 विश्व का पहला सटीक फॉर्मेशन-फ्लाइंग मिशन होगा।
- उपग्रहों की संरचना: दोनों उपग्रह सूर्य के साथ पंक्तिबद्ध होकर एक दूसरे से 150 मीटर की दूरी पर एक निश्चित संरचना बनाए रखेंगे।
- दोलन अवरोधन: OSC सौर डिस्क को अवरुद्ध करेगा, जिससे CSC को सूर्य के धुंधले कोरोना (बाहरी वायुमंडल) का लगातार निरीक्षण करने में मदद मिलेगी।
- प्रौद्योगिकी प्रदर्शन: यह मिशन निम्नलिखित का प्रदर्शन करने के लिये एक कक्षीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करेगा :
- मिलन स्थल और निकटता संचालन
- फॉर्मेशन फ्लाइंग प्रौद्योगिकियाँ
- मिशन नियंत्रण के लिये नवीन मेट्रोलोजी सेंसर और नियंत्रण एल्गोरिदम
- वैज्ञानिक अवलोकन: मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना के निरंतर दृश्य उपलब्ध कराना है, तथा सौर अवलोकनों पर मूल्यवान वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध कराना है।