विशेषाधिकार प्रस्ताव

भारतीय राजनीति


 09-Jan-2025

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में विपक्षी सदस्यों द्वारा संसद में एक विशेषाधिकार प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसमें संसदीय विशेषाधिकारों के कथित उल्लंघन पर प्रकाश डाला गया।  

विशेषाधिकार प्रस्ताव: परिचय   

  • यह संसदीय विशेषाधिकारों के कथित उल्लंघन के संबंध में सदन के पीठासीन अधिकारी से किसी सदस्य द्वारा किया गया औपचारिक अनुरोध है।  
  • यह प्रस्ताव विधायी प्रक्रिया की अखंडता और कार्यप्रणाली की रक्षा करता है।  

नोट  

  • संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार हैं जिसका लाभ निम्नलिखित को प्राप्त होता है:  
    • प्रत्येक सदन सामूहिक रूप से: संसद के एक घटक भाग के रूप में।  
    • सदस्य व्यक्तिगत रूप से: यह सुनिश्चित करने के लिये कि वे अपने कार्यों का निर्वहन प्रभावी ढंग से और बाहरी हस्तक्षेप के बिना कर सकें।  
  • ये विशेषाधिकार अन्य निकायों या व्यक्तियों को प्राप्त अधिकारों से अधिक हैं।  
  • विशेषाधिकार संहिताबद्ध नहीं होते बल्कि निम्नलिखित से प्राप्त होते हैं:  
    • संविधान का अनुच्छेद 105  
    • सिविल प्रक्रिया संहिता (1908)  
    • संसदीय सम्मेलन, अन्य के बीच।