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प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना

विविध


 30-Oct-2024
  • लॉन्च: 28 अक्तूबर 2014 
  • इसे भारत में जनजातीय समुदायों के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों से निपटने के लिये एक व्यापक रणनीति के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो देश की आबादी का लगभग 8.9% है। 
  • इसका उद्देश्य भारत में आदिवासी समुदायों की ऐतिहासिक उपेक्षा को मान्यता देते हुए उन्हें सशक्त बनाना है। 
  • वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक ₹26,135.46 करोड़ के वित्तीय परिव्यय के साथ, यह एकीकृत ग्राम विकास और शिक्षा और आजीविका में क्षमता निर्माण पहल के माध्यम से आदिवासी समुदायों के समग्र विकास पर केंद्रित है। 
  • इसमें जनजातीय कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित छह कदम शामिल हैं - 
  • प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY) 
    • जनजातीय उप-योजना के लिये मौजूदा विशेष केंद्रीय सहायता का पुनर्गठन। 
    • महत्त्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले 36,428 गाँवों में एकीकृत ग्राम विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। 
    • महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्ष्य किया गया: सड़क संपर्क, दूरसंचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता। 
    • प्रति गाँव 20.38 लाख रुपए आवंटित किये गए हैं, वर्ष 2025-26 तक कुल 7,276 करोड़ रुपए व्यय की योजना बनाई गई है। 
  • विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) का विकास 
    • इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए हाशिये पर पड़े आदिवासी समुदायों का उत्थान करना है। 
    • आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी पहलों के लिये राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 
    • तीन वर्षों में ₹15,000 करोड़ के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन का शुभारंभ। 
    • प्रत्येक वंचित PVTG परिवार को लाभ पहुँचाने के लिये 100 ज़िलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 
  • जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (TRI) को सहायता 
    • जनजातीय समुदायों से संबंधित अनुसंधान और दस्तावेज़ीकरण की सुविधा प्रदान करता है। 
    • प्रस्तावों के आधार पर राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 
  • प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति 
    • कक्षा 9 और 10 के आदिवासी छात्रों को सहायता प्रदान करता है। 
    • यह योजना उन परिवारों के लिये उपलब्ध है जिनकी पैतृक आय 2.50 लाख रुपए तक है। 
    • वित्तपोषण: भारत सरकार (75%), राज्य सरकार (25%), पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिये उच्च योगदान (90%) । 
  • पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति 
    • प्री-मैट्रिक के समान, लेकिन कक्षा 10 से आगे की पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिये। 
    • इसका उद्देश्य वित्तीय बोझ को कम करना और निरंतर शैक्षणिक प्रगति को प्रोत्साहित करना है। 
  • परियोजना प्रबंधन इकाइयों के लिये प्रशासनिक सहायता 
    • राज्य सरकारों में परियोजना प्रबंधन इकाइयाँ स्थापित करने के लिये धनराशि आवंटित की गई। 
    • अनुसूचित जनजाति कल्याण से संबंधित योजनाओं की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना। 
  • जनजातीय कल्याण के लिये अन्य पहल 
    • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय 
    • प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (PMJVM) 
    • अनुसूचित जनजातियों के लिये विकास कार्य योजना (DAPST)