प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
विविध
06-Jan-2025
चर्चा में क्यों?
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग 6 जनवरी, 2024 को गुवाहाटी, असम में "प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की बैठक" की मेज़बानी कर रहा है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह करेंगे।
PMMSY अवलोकन
- इसका उद्देश्य भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत् विकास के माध्यम से नीली क्रांति को बढ़ावा देना है।
- 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज के हिस्से के रूप में ₹20,050 करोड़ के निवेश के साथ लॉन्च किया गया।
- सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 5 वर्षों के लिये (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक) कार्यान्वित किया जाएगा।
- मछुआरों को बीमा, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) प्रदान करता है।
- इसे दो अलग-अलग घटकों के साथ एक व्यापक योजना के रूप में कार्यान्वित किया गया है,
- केंद्रीय क्षेत्र योजना: परियोजना लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
- केंद्र प्रायोजित योजना: सभी उप-घटक/गतिविधियाँ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित की जाएंगी तथा लागत केंद्र और राज्य के बीच साझा की जाएगी।
उद्देश्य
- मछली उत्पादन और उत्पादकता को स्थायी रूप से बढ़ावा देना।
- मत्स्य पालन मूल्य शृंखला का आधुनिकीकरण करना तथा कटाई उपरांत प्रबंधन में सुधार करना।
- मछुआरों और किसानों की आय दोगुनी करना।
- कृषि सकल घरेलू उत्पाद और निर्यात में मत्स्य पालन का योगदान बढ़ाना।
- आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और मत्स्य प्रबंधन को मज़बूत करना।
महत्त्व
- 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और किसानों को सहायता प्रदान करता है, राष्ट्रीय आय, खाद्य सुरक्षा और रोज़गार में योगदान देता है।
- आर्थिक रूप से वंचित समूहों के लिये आय का प्रमुख स्रोत।
- भारत एक प्रमुख समुद्री खाद्य निर्यातक है, तथा वित्त वर्ष 20 में मत्स्य निर्यात में जलीय कृषि का योगदान 70-75% रहा।