प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
विविध
14-Jan-2025
चर्चा में क्यों?
सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 700 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 56 नई वाटरशेड विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। दस राज्यों में 280,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने वाली ये पहल कृषि उत्पादन में सुधार, जलवायु अनुकूलता को मज़बूत करने और मृदा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिये बनाई गई हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) क्या है?
- इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
- इसका उद्देश्य कृषि के लिये जल की उपलब्धता में सुधार करना, सुनिश्चित सिंचाई के अंतर्गत क्षेत्र में वृद्धि करना, जल उपयोग दक्षता में वृद्धि करना तथा स्थायी जल संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
- यह एक केन्द्र प्रायोजित योजना (कोर स्कीम) है, जिसमें केन्द्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण का वितरण 75:25 है।
- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिये वित्त पोषण का अनुपात 90:10 है।
- वर्ष 2020 में, जल शक्ति मंत्रालय ने PMKSY के तहत परियोजना घटकों की जियो-टैगिंग के लिये एक मोबाइल एप्लिकेशन पेश किया।
PMKSY के घटक
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP): सिंचाई परियोजनाओं में तीव्रता लाने के लिये वर्ष 1996 में शुरू किया गया, जिसके तहत 53 पूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से 25.14 लाख हेक्टेयर सिंचाई को जोड़ा गया।
- हर खेत को पानी (HKKP): नए जल स्रोतों के निर्माण, जल निकायों को बहाल करने और वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।
- वाटरशेड विकास: अपवाह जल का प्रबंधन करता है तथा रिज उपचार और वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियों के माध्यम से मृदा नमी संरक्षण में सुधार करता है।