प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: ग्रामीण भारत के लिये बेहतर भविष्य का निर्माण
विविध
20-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर 2016 को शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-ग्रामीण) देश के सबसे गरीब लोगों को सुरक्षित आवास के साथ सशक्त बनाने के आठ सफल वर्षों का प्रतीक है। यह योजना सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC 2011), Awaas+ (2018) सर्वेक्षण, ग्राम सभा अनुमोदन और जियो-टैगिंग सहित कठोर तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से लक्षित सहायता सुनिश्चित करती है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-ग्रामीण):
- लॉन्च तिथि: 20 नवंबर, 2016
- मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय
- प्रमुख विशेषताएँ:
- घर का डिज़ाइन:
- न्यूनतम आकार: 25 वर्ग मीटर, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने का स्थान भी शामिल है।
- संरचनात्मक रूप से सुदृढ़, सौंदर्यपरक और क्षेत्र-विशिष्ट डिज़ाइनों के लिये विकल्प ।
- निर्माण सहायता:
- स्थानीय सामग्री एवं प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों का उपयोग।
- वित्तीय सहायता: मैदानी क्षेत्रों के लिये ₹1.20 लाख और पूर्वोत्तर, पहाड़ी और हिमालयी क्षेत्रों के लिये ₹1.30 लाख।
- 3% कम ब्याज दर पर ₹70,000 तक का ऋण उपलब्ध।
- पात्रता मापदंड:
- आवासहीन परिवार : ऐसे परिवार जिनके पास कोई आश्रय नहीं है।
- कच्चे मकान: कच्ची दीवारों/छतों वाले घर या शून्य से दो कमरों वाले घर (SECC 2011 के अनुसार)।
- अनिवार्य समावेशन :
- निराश्रित परिवार
- मैनुअल स्कैवेंजर
- आदिम जनजातीय समूह (प्रिमिटिव ट्राइबल ग्रुप्स)
- कानूनी रूप से रिहा किये गये बंधुआ मज़दूर
- अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण:
- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण: शौचालय निर्माण के लिये ₹12,000
- MGNREGA: निर्माण कार्य हेतु 95 दिन का मज़दूरी रोज़गार।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: लाभार्थियों के लिये मुफ्त LPG कनेक्शन।
- पाइप से जल एवं विद्युत: सुरक्षित पेयजल एवं नियमित विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- वित्तपोषण एवं आवंटन:
- कुल परिव्यय: ₹3,06,137 करोड़ (2024-29)।
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिये आवंटन: ₹54,500 करोड़।
- तकनीकी नवाचार:
- Awaas+ App: लाभार्थी सत्यापन के लिये आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण।
- जियो-टैगिंग : फोटो के माध्यम से निर्माण प्रगति की निगरानी करना।
- 3D हाउस डिज़ाइन: विविध डिज़ाइन।
- विकल्प प्रदान करने के लिये CBRI के साथ सहयोग किया गया।
- प्रगति:
- स्वीकृत मकान: 3.21 करोड़
- पूर्ण किये गये मकान: 2.67 करोड़
- प्रभावित लाभार्थी: 10 करोड़ से अधिक व्यक्ति