07-Mar-2025
पर्वतमाला परियोजना
भूगोल
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम- पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में दो महत्त्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
पर्वतमाला परियोजना: परिचय
राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, जिसे पर्वतमाला परियोजना के नाम से जाना जाता है, को पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये 2022-23 के केंद्रीय बजट में पेश किया गया था।
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में इस पहल का उद्देश्य प्रथम और अंतिम मील तक कनेक्टिविटी के लिये सुरक्षित, लागत प्रभावी, कुशल और विश्व स्तरीय रोपवे बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है।
- परियोजनाओं में शामिल हैं: गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी.) और सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी.)
- इसका उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सुगमता में सुधार लाना तथा शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम करना है, जहां पारंपरिक परिवहन साधन या तो संतृप्त हैं या अव्यावहारिक हैं।
- यह कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देने तथा घने वनों और शहरी परिदृश्यों सहित कठिन इलाकों में यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिये तैयार किया गया है।
प्रमुख विशेषताएँ
- केंद्र ने इस कार्यक्रम के तहत 200 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 1.25 लाख करोड़ रुपए है।
- ये परियोजनाएँ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित हैं, जहाँ भारत सरकार लगभग 60% वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) द्वारा किया जाएगा, जो NHAI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।