वन रैंक वन पेंशन : भारत के भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान
विविध
08-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना 2024 में अपनी 10 वीं वर्षगाँठ पूरी करेगी, जो भारत के पूर्व सैनिकों के लिये पर्याप्त लाभ और मान्यता का एक दशक पूरा करेगी, तथा यह सरकार के अपने वृद्धजनों के कल्याण के प्रति समर्पण की पुष्टि करेगी।
वन रैंक वन पेंशन योजना के बारे में
- उद्देश्य : समान रैंक और समान सेवा अवधि के साथ सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य कर्मियों के लिये समान पेंशन सुनिश्चित करने के लिये स्थापित किया गया, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति तिथि कुछ भी हो।
- शुभारंभ : वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों के बीच पेंशन असमानताओं को दूर करने के लिये इसे क्रियान्वित किया गया, जो एक प्रमुख नीतिगत बदलाव का प्रतीक है।
- ऐतिहासिक मांग : यह मुद्दा 40 वर्षों से अधिक समय तक अनसुलझा रहा, तथा वर्ष 2014 के सरकार के बजट आवंटन और कार्यान्वयन तक कई सरकारी समितियाँ समाधान तलाशती रहीं।
- प्रमुख बिंदु :
- समान पेंशन प्रणाली : समान रैंक और सेवा अवधि के कार्मिकों के लिये समान पेंशन लाभ।
- पुनर्निर्धारण और आवधिक संशोधन : पेंशन का प्रत्येक पाँच वर्ष में पुनर्निर्धारण किया जाएगा, जो आरंभ में 2013 की पेंशन दरों पर आधारित होगा।
- बकाया भुगतान : वीरता पुरस्कार विजेताओं और पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिये एकमुश्त भुगतान के साथ अर्द्ध-वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाता है।
- समावेशी कवरेज : इसमें 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त होने वाले सभी कार्मिक शामिल हैं।