उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
भारतीय राजनीति
17-Oct-2024
चर्चा में क्यों?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जो वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत अपने विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद क्षेत्र में पहली सरकार का गठन है।
उमर अब्दुल्ला के बारे में
- जन्म: 10 मार्च 1970
- राजनीतिक पृष्ठभूमि : जम्मू और कश्मीर से भारतीय राजनीतिज्ञ।
- मुख्यमंत्री के रूप में पूर्व कार्यकाल: वर्ष 2009 से वर्ष 2015 तक।
- राजनीतिक कॅरियर: वर्ष 1998 में लोकसभा के लिये निर्वाचित; विदेश राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
- हालिया चुनाव: वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार एर राशिद से पराजित।
- वकालत: वर्ष 2019 के बाद जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली का समर्थन करते है।
मुख्यमंत्री के बारे में
- नियुक्ति
- उसकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- विधानसभा चुनावों में बहुमत प्राप्त करने वाली पार्टी के नेता की नियुक्ति की जाती है।
- जबकि राज्यपाल नाममात्र का कार्यकारी प्राधिकारी है, वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री के पास है।
- राज्य विधानमंडल के गैर-सदस्य को छह महीने के लिये मुख्यमंत्री नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन उसे उस समयावधि के भीतर निर्वाचित होना होगा।
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है और वह राज्यपाल की इच्छा पर्यंत पद पर बने रहते हैं।
- जब तक उसे विधान सभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त है, तब तक राज्यपाल द्वारा उसे बर्खास्त नहीं किया जा सकता।
- राज्य विधान सभा भी उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करके उन्हें हटा सकती है।
- शक्तियाँ और कार्य
- मंत्रिपरिषद के संबंध में
- राज्यपाल केवल उन्हीं व्यक्तियों को मंत्री नियुक्त करता है जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है।
- वह मंत्रियों के बीच विभागों का आवंटन और फेरबदल करता है।
- वह अपने पद से त्यागपत्र देकर मंत्रिपरिषद को गिरा सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है।
- राज्यपाल के संबंध में
- मुख्यमंत्री राज्यपाल और राज्य मंत्रिपरिषद के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- मुख्यमंत्री राज्यपाल को महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य, राज्य निर्वाचन आयोग आदि जैसे महत्त्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में सलाह देते हैं।
- राज्य विधानमंडल के संबंध में:
- सभी नीतियों की घोषणा सदन में उनके द्वारा की जाती है।
- वह राज्यपाल से विधान सभा को भंग करने की सिफारिश करता है।
- अन्य कार्य
- राज्य योजना बोर्ड के अध्यक्ष।
- अंतर-राज्य परिषद और नीति आयोग की शासी परिषद के सदस्य।
- राज्य सरकार के मुख्य प्रवक्ता के रूप में कार्य करता है।
- आपातस्थिति के दौरान संकट प्रबंधक के रूप में कार्य करता है।
- जनता के विभिन्न वर्गों से संपर्क करता है और उनके मुद्दों पर चर्चा करता है।
- सेवाओं के राजनीतिक प्रमुख।
- मंत्रिपरिषद के संबंध में