10-Feb-2025
ओडिशा की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल
चर्चा में क्यों?
ओडिशा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के हिस्से के रूप में "निर्भया कढ़ी" (फियरलेस बड/ निडर कली), "मो गेल्हा जिया" (मेरी प्यारी बेटी), "कल्पना अभिजान," "स्वर्ण कालिका," और "वीरांगना योजना" पहल लागू करता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना: परिचय
- 22 जनवरी, 2015 को शुरू किया गया यह अभियान कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी सामाजिक चुनौतियों पर केंद्रित है।
- यह सुरक्षित वातावरण बनाने के लिये सामुदायिक भागीदारी और सरकारी सहायता के माध्यम से लड़कियों के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है।
निर्भया कढ़ी और मो गेल्हा जिया (गंजम)
"निर्भया कढ़ी" पहल लड़कियों (11-18) को बाल विवाह को अस्वीकार करने के लिये सशक्त बनाती है, जबकि "मो गेल्हा जिया" लिंग चयन को संबोधित करती है। जनवरी 2022 तक, जागरूकता और सामुदायिक प्रयासों के माध्यम से गंजम बाल विवाह मुक्त हो गया।
कल्पना अभिजान (ढेंकनाल)
"कल्पना अभिजान" लड़कियों (10-19 वर्ष) की निगरानी करता है और स्थानीय समितियों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से बाल विवाह को रोकता है। वर्ष 2019-2024 तक, इसने 343 बाल विवाह रोके और स्कूलों और समुदायों के माध्यम से सार्वजनिक प्रतिबद्धताओं को बढ़ावा दिया।
स्वर्ण कालिका (क्योंझर)
"स्वर्ण कालिका" अभियान में 2,000 से अधिक हितधारकों को शामिल करके बाल विवाह के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। निरंतर प्रयासों और ADVIKA ऐप की सहायता से, क्योंझर में बाल विवाह में 50% की कमी आई है।
वीरांगना (देवगढ़)
"वीरांगना" लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करती है, आत्मविश्वास बढ़ाती है और कानूनी अधिकार सिखाती है। 30 दिवसीय शिविरों में 500 से अधिक लड़कियों को प्रशिक्षित किया गया और लगभग 6,000 छात्रों को स्कूली कार्यक्रमों के माध्यम से लाभ मिला।