चर्चा में क्यों?
भारतीय शोधकर्त्ताओं ने गंभीर हीमोफीलिया A, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक रक्तस्राव विकार है, के लिये जीन थेरेपी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
हीमोफीलिया के लिये जीन थेरेपी:
- इसमें यकृत में एक जीन का एकल संचारण किया जाता है, जो उसे फैक्टर VIII का उत्पादन करने में सक्षम बनाता है।
- इस थेरेपी में चिकित्सीय जीन पहुँचाने के लिये एक वेक्टर के रूप में एडेनोवायरस का उपयोग किया जाता है।
हे मोफीलिया क्या है ?
- एक दुर्लभ, वंशानुगत रक्त विकार जिसके कारण रक्त का थक्का बनना कम हो जाता है, जिससे रक्तस्राव और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- कारण: शरीर अपर्याप्त थक्के कारक उत्पन्न करता है, जो प्रोटीन होते हैं जो रक्त प्लेटलेट्स को रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिये थक्के बनाने में सहायता करते हैं।
- रक्त में थक्का बनाने वाले कारक के स्तर के आधार पर हीमोफीलिया गंभीर, मध्यम या हल्का हो सकता है।
- इसके विभिन्न रूप मौजूद हैं, जिनमें हीमोफीलिया A (फैक्टर VIII की कमी) सबसे सामान्य है।
हीमोफीलिया के प्रकार
- हीमोफीलिया A
- विवरण: थक्का बनाने वाले कारक VIII की कमी के कारण होता है।
- व्यापकता: सबसे आम प्रकार, जो विश्व भर में लगभग 100,000 लोगों में से 10 को प्रभावित करता है।
- मुख्य विशेषता: इसे अक्सर "क्लासिक हीमोफीलिया (Classic Hemophilia)" कहा जाता है।
- हीमोफीलिया B
- विवरण: थक्के कारक IX की कमी से परिणाम।
- व्यापकता: कम आम, अमेरिका में लगभग 100,000 लोगों में से 3 लोग इससे प्रभावित होते हैं।
- मुख्य विशेषता: कभी-कभी इसे "क्रिसमस रोग (Christmas Disease)" भी कहा जाता है (पहले पहचाने गए रोगी के नाम पर)।
- हीमोफीलिया C
- विवरण: थक्का बनाने वाले कारक XI की कमी के कारण होता है।
- व्यापकता: बहुत दुर्लभ, 100,000 लोगों में से केवल 1 को प्रभावित करता है।
- मुख्य विशेषता: प्रकार A और B के विपरीत, यह दोनों लिंगों में समान रूप से हो सकता है।
|