NHRC का 31वाँ स्थापना दिवस

विविध


 21-Oct-2024

चर्चा में क्यों? 

NHRC का 31वाँ स्थापना दिवस 18 अक्तूबर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में मनाया गया, जिसमें उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम में "बुज़ुर्गों के अधिकार" पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन शामिल था, जिसमें लिंग आधारित बुज़ुर्गावस्था, स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों और कल्याण नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य बुज़ुर्गों की गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करने हेतु नीति निर्माताओं को कार्यवाही योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करना था।  

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) 

  • इसकी स्थापना 12 अक्तूबर, 1993 को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 के तहत की गई थी। 
  • इसका अधिदेश भारत के संविधान या अंतर्राष्ट्रीय संधियों द्वारा गारंटीकृत नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानव अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देना है। 
  • भूमिका और कार्य 
    • न्यायिक कार्यवाही के साथ सिविल न्यायालय की शक्तियाँ रखता है। 
    • मानव अधिकार उल्लंघन की जाँच के लिये केंद्रीय या राज्य सरकार के अधिकारियों या जाँच एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग करने का अधिकार। 
    • मामले की घटना के एक वर्ष के भीतर जाँच की जा सकती है। 
    • कार्य मुख्यतः अनुशंसात्मक प्रकृति के होते हैं। 
  • संघटन 
    • आयोग में एक अध्यक्ष, पाँच पूर्णकालिक सदस्य और सात मानद सदस्य होते हैं। 
    • इसका अध्यक्ष भारत का पूर्व मुख्य न्यायाधीश अथवा सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होता है। 
    • अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति छह सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। 
  • विजया भारती सयानी आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। 
  • निपटाए गए मामले: स्थापना के बाद से 2.3 मिलियन से अधिक मामले निपटाए गए हैं। 
  • मौद्रिक राहत: पीड़ितों के लिये मुआवज़े के रूप में ₹254 करोड़ की सिफारिश की गई। 
  • मानवाधिकार अभियान: हिरासत में मृत्यु, बुज़ुर्गों की देखभाल, जेल सुधार और बाल अधिकार जैसे मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाता है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय संधियों पर कार्य: यह संयुक्त राष्ट्र संधियों, जैसे नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICCPR) के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं में योगदान देता है।