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कर परिहार संधियों पर नए दिशा-निर्देश

भारतीय अर्थव्यवस्था


 23-Jan-2025

चर्चा में क्यों ?  

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने दोहरा कराधान अपवंचन समझौतों (DTAA) के तहत मुख्य उद्देश्य परीक्षण (PPT) लागू करने के लिये नए दिशा-निर्देश जारी किये।  

मुख्य उद्देश्य परीक्षण (PPT) क्या है?  

  • PPT BEPS (आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण/ Base Erosion and Profit Shifting) कार्य योजना 6 के अंतर्गत एक तंत्र है, जिसका उद्देश्य कर संधियों के दुरुपयोग को रोकना है।  
  • यह सुनिश्चित करता है कि संधि के लाभ तभी प्रदान किये जाएँ जब लेनदेन का प्राथमिक उद्देश्य संधि के इच्छित उद्देश्यों के अनुरूप हो।  

नए मानदंड क्यों?  

  1. क्षेत्र को स्पष्ट करना: द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं वाली संधियों (जैसे, भारत-मॉरीशस DTAA) में PPT को लागू करने में अस्पष्टता को संबोधित करता है। 
  2. ग्रैंडफादरिंग प्रावधान: मौजूदा संधियों के तहत विशिष्ट प्रावधानों को PPT पर वरीयता दी जाएगी।  
  3. प्रयोज्यता: प्रावधान 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे तथा उन मामलों को छोड़ देंगे जहाँ द्विपक्षीय प्रतिबद्धताएँ हावी होती हैं।  

निहितार्थ 

  • करदाताओं के लिये:  
    • संधि प्रावधानों की व्याख्या में अधिक स्पष्टता।  
    • चुनिंदा संधियों के अंतर्गत पूर्वानुमेय लाभ प्राप्त करने वाली संस्थाओं के लिये आश्वासन।  
  • प्राधिकारियों के लिये:  
    • संधि के दुरुपयोग से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र मॉडल टैक्स कन्वेंशन और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित।  
  • वैश्विक संबंध:  
    • पिछली प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हुए वैश्विक BEPS मानकों के साथ भारत के अनुपालन को दृढ़ करता है।  

नोट:  

  • साइप्रस, मॉरीशस और सिंगापुर के साथ संधियों को पहले से मौजूद द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं के कारण PPT प्रावधानों से बाहर रखा गया है।