28-Feb-2025
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
प्रति वर्ष 28 फरवरी को रमन प्रभाव की खोज के सम्मान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
थीम/ विषय: विकसित भारत के लिये विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व हेतु भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना
रमन प्रभाव क्या है?
- इसकी खोज भौतिक विज्ञानी सी.वी. रमन ने की थी, जिन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला था।
- यह अणुओं के साथ अंतःक्रिया करने पर प्रकाश की तरंगदैर्घ्य में होने वाले परिवर्तन को संदर्भित करता है तथा पदार्थ द्वारा प्रकाश के अप्रत्यास्थ प्रकीर्णन को वर्णित करता है, जिसके कारण प्रकीर्णित प्रकाश की आवृत्ति में परिवर्तन होता है।
- रमन प्रभाव रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) का आधार है, जिसका व्यापक रूप से रसायन विज्ञान और भौतिकी में पदार्थों के विश्लेषण के लिये उपयोग किया जाता है।
- स्पेक्ट्रोस्कोपी अध्ययन करती है कि पदार्थ विद्युत चुंबकीय विकिरण के साथ किस प्रकार अंतःक्रिया करता है।
सी.वी. रमन: परिचयपूरा नाम: सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी.वी. रमन) क्षेत्र: भौतिकी (स्पेक्ट्रोस्कोपी और प्रकाशिकी) नोबेल पुरस्कार: भौतिकी (1930) - यह प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय वैज्ञानिक प्रमुख योगदान ध्वनिकी: संगीत वाद्ययंत्रों और तरंग संचरण का अध्ययन किया गया। आणविक संरचना: क्रिस्टल और तरल संरचनाओं पर शोध किया गया। हीरे एवं इंद्रधनुषी चमक: पदार्थों के प्रकाशीय गुणों का अन्वेषण। साहित्यिक कृतियाँ: मोलिकुलर डिफ्रैक्शन ऑफ लाइट,एकॉस्टिकल मेमोयर्स तथा व्हाई द स्काई इज़ ब्लू की रचना की। संस्था निर्माण: वैज्ञानिक प्रगति हेतु रमन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई। |