राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
भारतीय राजनीति
08-Oct-2024
- स्थापना: वर्ष 2007
- यह भारत में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि भारत में सभी कानून, नीतियाँ, कार्यक्रम और प्रशासनिक तंत्र संविधान और बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCRC) में प्रदत्त अधिकारों के अनुरूप हों।
- बच्चों के अधिकारों को 1989 में UNCRC में अपनाया गया तथा 1992 में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया।
- अध्यक्ष: प्रियंक कानूनगो
- इसे तीन अधिनियमों के तहत अतिरिक्त कार्य निर्दिष्ट किये गए हैं -
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012
- किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015
- महत्त्वपूर्ण पहल
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) e-Box
- संवर्द्धन- बाल तस्करी से निपटने के लिये
- MASI ऐप - बाल देखभाल संस्थानों (CCI) की वास्तविक समय निगरानी के लिये निर्बाध निरीक्षण हेतु निगरानी ऐप
- GHAR - GO Home एंड Re-Unite अर्थात् घर जाओ एवं पुनः एकजुट हो जाओ (बच्चे के पुनर्वास और प्रत्यावर्तन के लिये पोर्टल)।
संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (UNCRC)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधि है जो बच्चों के नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को निर्धारित करती है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 20 नवंबर 1989 को अनुमोदित किया गया था ।
- भारत सहित 196 देशों ने इसका अनुमोदन किया है।
- यह इतिहास में सबसे व्यापक रूप से अनुमोदित मानवाधिकार संधि है।
- इसका उद्देश्य 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भेदभाव, उपेक्षा और दुर्व्यवहार से बचाना तथा उनकी पूर्ण क्षमता तक विकास के अधिकार को बढ़ावा देना है।
- इस अभिसमय का अनुमोदन करने वाले देश कानूनी रूप से इसके प्रावधानों को लागू करने तथा प्रत्येक पाँच वर्ष में अपनी प्रगति के बारे में संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति को रिपोर्ट देने के लिये बाध्य हैं