नमो ड्रोन दीदी: कृषि में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना

विविध


 05-Nov-2024

चर्चा में क्यों?  

भारत सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई नमो ड्रोन दीदी योजना का उद्देश्य भारतीय कृषि को आधुनिक बनाना और महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाना है। वर्ष 2024 में शुरू की गई यह पहल कृषि सेवाओं के लिये ड्रोन के साथ 15,000 SHG का समर्थन करती है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में आय को बढ़ावा देना और खेती की दक्षता में सुधार करना है।  

नमो ड्रोन दीदी योजना:  

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।  
  • उद्देश्य: कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव जैसी कृषि सेवाओं के लिये ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदान करके महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाना।  
  • लॉन्च तिथि: नवंबर 2024 भारत सरकार द्वारा।  
  • पात्रता: दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के अंतर्गत महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह (SHG)।  
  • प्रस्तावित लाभ  
    • स्वयं सहायता समूहों के लिये ड्रोन लागत का 80% (₹8 लाख तक) कवर किया जाता है, शेष लागत के लिये ऋण विकल्प भी उपलब्ध है।  
    • ड्रोन संचालन और कृषि अनुप्रयोग के लिये 15 दिवसीय प्रशिक्षण।  
    • प्रत्येक स्वयं सहायता समूह की वार्षिक आय में कम से कम ₹1 लाख की वृद्धि अपेक्षित है।  
    • कृषि विशेषज्ञों से नेटवर्किंग और समर्थन, विकास और सीखने के अवसर उत्पन्न करना।  

केंद्रीय क्षेत्र योजना और केंद्र प्रायोजित योजना के बीच अंतर  

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM):

  • यह ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) का केंद्र प्रायोजित प्रमुख कार्यक्रम है।  
  • उद्देश्य:  
    • गरीबों, विशेषकर महिलाओं के लिये मज़बूत संस्थाओं का निर्माण करके गरीबी कम करना  
    • वित्तीय सेवाओं और आजीविका के अवसरों तक पहुँच सक्षम करना  
  • लॉन्च  
    • स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना (SGSY) से पुनर्गठित
    • 29 मार्च, 2016 को इसका नाम बदलकर DAY-NRLM कर दिया गया  
  • प्रस्तावित लाभ:  
    • स्वयं सहायता समूहों (SHG) को वित्तीय और तकनीकी सहायता  
    • कौशल विकास प्रशिक्षण  
    • सूक्ष्म ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुँच  
    • उत्पादों और सेवाओं के लिये बाज़ार संबंध  
    • ग्रामीण गरीबों, विशेषकर महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण