मियावाकी शहरी वन
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
24-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को संबोधित करते हुए नागरिकों को शहरी स्थानों को समृद्ध मियावाकी शहरी वनों में बदलने के लिये मियावाकी अवधारणा को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया।
मियावाकी रोपण विधि
- मियावाकी पद्धति, जिसका नाम जापानी वनस्पतिशास्त्री अकीरा मियावाकी के नाम पर रखा गया है, में प्रति वर्ग मीटर 2-4 देशी वृक्ष प्रजातियों का रोपण किया जाता है।
- 1970 के दशक में विकसित इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य छोटे क्षेत्रों में सघन हरित आवरण निर्मित करना है।
- तीन वर्षों के भीतर ये वृक्ष अपनी पूरी ऊँचाई तक बढ़ जाते हैं, आत्मनिर्भर हो जाते हैं तथा इन्हें जल या खाद जैसी न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता होती है।
- आमतौर पर उपयोग किये जाने वाले देशी पौधों में अंजन, अमला, बेल, अर्जुन और गूंज शामिल हैं।
महत्त्व
- यह धूल कणों को अवशोषित करता है और वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- यह सतह के तापमान को नियंत्रित करता है।
- यह पारंपरिक वनों की तुलना में 10 गुना तेज़ी से बढ़ता है।
- यह सीमित स्थानों में 300% अधिक हरित आवरण प्रदान करता है।
- यह देशी प्रजातियों के साथ जैव विविधता को पुनर्स्थापित करता है।