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मार्टिन लूथर किंग जूनियर डे

विविध


 20-Jan-2025

चर्चा में क्यों?  

मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष जनवरी के तीसरे सोमवार को डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के जीवन और विरासत का सम्मान करने के लिये मनाया जाता है, जो एक प्रमुख नागरिक अधिकार नेता थे जिन्होंने समानता, न्याय और अहिंसक प्रतिरोध का समर्थन किया था। 1983 में स्थापित यह अवकाश उनके 15 जनवरी के जन्मदिन के साथ मेल खाता है।  

मार्टिन लूथर किंग जूनियर: परिचय  

बचपन, युवावस्था और शिक्षा  

  • उनका जन्म 15 जनवरी 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया में मार्टिन लूथर किंग सीनियर और अल्बर्टा विलियम्स किंग के घर हुआ था।  
  • मार्टिन ने बुकर टी. वाशिंगटन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उनकी बुद्धिमत्ता और वक्तृत्व कौशल को मान्यता मिली।  
  • उन्होंने 19 वर्ष की आयु में मोरहाउस कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की तथा 1951 में छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।  
  • उन्होंने 1953 में कोरेटा स्कॉट से विवाह किया और उनके चार बच्चे हुए।  
  • 1954 में, वह अलबामा में डेक्सटर एवेन्यू बैपटिस्ट चर्च के पादरी बने, जहाँ उन्होंने नागरिक अधिकार आंदोलन में अपनी भागीदारी शुरू की।  

विरासत  

  • मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या 4 अप्रैल, 1968 को जेम्स अर्ल रे द्वारा कर दी गई थी, लेकिन उनके कार्यों ने नागरिक अधिकारों के लिये वैश्विक लड़ाई पर अमिट छाप छोड़ी।  
  • 1964 में, नस्लीय समानता प्राप्त करने के अपने अहिंसक प्रयासों के लिये वे नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने।  
  • उन्होंने दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों में नागरिक अधिकार आंदोलनों को भी प्रेरित किया तथा वे न्याय और समानता के वैश्विक प्रतीक बने हुए हैं।  

"आई हैव अ ड्रीम" भाषण (1963)  

  • मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने 28 अगस्त 1963 को जॉब्स एंड फ्रीडम के लिये वाशिंगटन मार्च के दौरान अपना प्रतिष्ठित "आई हैव ए ड्रीम" भाषण दिया था।  
  • इस भाषण में उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की थी जहाँ लोगों का मूल्यांकन उनकी त्वचा के रंग के बजाय उनके चरित्र के आधार पर किया जाएगा।  
  • भाषण में नस्लीय समानता, स्वतंत्रता तथा सार्वजनिक स्थानों और स्कूलों में अलगाव की समाप्ति पर जोर दिया गया।  
  • भाषण की प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं: "I have a dream that my four little children will one day live in a nation where they will not be judged by the color of their skin but by the content of their character अर्थात् मेरा सपना है कि मेरे चार छोटे बच्चे एक दिन ऐसे देश में रहेंगे जहाँ उनका मूल्यांकन उनकी त्वचा के रंग से नहीं बल्कि उनके चरित्र के आधार पर किया जाएगा।"  
  • यह भाषण नागरिक अधिकार आंदोलन का एक निर्णायक क्षण बन गया और इसने विश्वभर में लाखों लोगों को न्याय और समानता के लिये लड़ने के लिये प्रेरित किया।