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मलेरिया

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


 26-Dec-2024

चर्चा में क्यों?  

भारत 2024 में WHO के उच्च बोझ वाले उच्च प्रभाव समूह से बाहर निकलने की योजना बना रहा है, जो मलेरिया के विरुद्ध उसकी लड़ाई में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत देगा।

मलेरिया: परिचय  

  • कारण: प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला एक जानलेवा रक्त रोग, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से संक्रमित होता है।  
  • प्रमुख परजीवी: मानव में मलेरिया उत्पन्न करने वाली 5 प्लास्मोडियम प्रजातियों में से, पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स सबसे बड़ा खतरा हैं।  
  • प्रभावित क्षेत्र: मुख्यतः अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।  
  • संक्रमण:मच्छर जब किसी संक्रमित व्यक्ति को काटते हैं, तो वे उस संक्रमण को अपने शरीर में ले लेते हैं। इसके बाद, जब वे किसी अन्य व्यक्ति को काटते हैं, तो वे उस परजीवी को फैलाते हैं। यह परजीवी लीवर में पहुँचकर परिपक्व होता है और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है।
  • लक्षण: बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और फ्लू जैसी बीमारी।  
  • स्थिति: मलेरिया की रोकथाम और उपचार संभव है।  

जून को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के तहत मलेरिया विरोधी माह के रूप में मनाया जाता है। प्रयासों में बेहतर केस रिपोर्टिंग, प्रभावी प्रबंधन, उन्नत महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान संबंधी जाँच और तीव्र वेक्टर नियंत्रण उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।  

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP)  

  • उद्देश्य: भारत में छह वेक्टर जनित रोगों: मलेरिया, डेंगू, लिम्फैटिक फाइलेरिया, काला-ज़ार, जापानी इंसेफेलाइटिस और चिकनगुनिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिये केंद्रीय नोडल एजेंसी।  
  • प्राधिकरण: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।