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 08-Apr-2025

लोदी राजवंश (1451 – 1526 ई.)

इतिहास

लोदी वंश: परिचय 

लोदी राजवंश दिल्ली सल्तनत का अंतिम शासक वंश था, जिसकी स्थापना 1451 में बहलोल लोदी द्वारा की गई थी। यह भारत पर शासन करने वाला पहला अफगान वंश था और 1526 तक अस्तित्व में रहा, जब बाबर ने इसे समाप्त कर मुगल साम्राज्य की नींव रखी।

मुख्य रूलर   

  • बहलोल लोदी (1451 – 1489 ई.) 
    • लोदी वंश का संस्थापक।
    • जौनपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करके दिल्ली सल्तनत को सुदृढ़ किया गया।
    • अफगान सरदारों को भारत में निवास करने के लिये प्रेरित किया गया।
  • सिकंदर लोदी (1489 – 1517 ई.) 
    • सबसे महान लोदी शासक माना जाता है। 
    • बिहार और बंगाल के कुछ हिस्सों पर विजय प्राप्त करके साम्राज्य का विस्तार किया। 
    • आगरा को एक रणनीतिक शहर के रूप में स्थापित किया गया। 
    • व्यापार और कृषि को बढ़ावा दिया लेकिन हिंदुओं के प्रति असहिष्णु रहे तथा मंदिरों को नष्ट किया। 
  • इब्राहीम लोदी (1517 – 1526 ई.) 
    • दिल्ली सल्तनत का अंतिम शासक। 
    • अफगान सरदारों और राजपूत शासकों से विद्रोह का सामना करना पड़ा। 
    • उनके कठोर शासन के कारण पानीपत की पहली लड़ाई (1526) में बाबर ने उन्हें पराजित कर दिया, जिससे लोदी वंश का अंत हो गया और मुगल साम्राज्य का उदय हुआ। 

लोदी वंश का पतन 

  • अफ़गान सरदारों के बीच आंतरिक संघर्ष।  
  • इब्राहिम लोदी का अलोकप्रिय शासन और शक्तिशाली क्षेत्रीय सरदारों को प्रबंधित करने में उनकी विफलता।  
  • 1526 में बाबर से पराजय, जिसने पानीपत की पहली लड़ाई में बेहतर सैन्य रणनीति और तोपखाने का उपयोग किया था।  
  • लोदी वंश के पतन के साथ ही दिल्ली सल्तनत का अंत हुआ और भारत में मुगल शासन की शुरुआत हुई।