किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

भारतीय अर्थव्यवस्था


 04-Dec-2024

के बारे में 

  • यह एक ऐसी योजना है जो किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिये पर्याप्त और समय पर ऋण उपलब्ध कराती है। 
  • भारत सरकार किसानों को 2% की ब्याज सहायता तथा 3% का शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिससे उन्हें 4% प्रति वर्ष की अत्यंत रियायती दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है। 
  • इस योजना को 2004 में विस्तारित किया गया ताकि इसमें किसानों से जुड़ी और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये निवेश ऋण को भी शामिल किया जा सके। 
    • वर्ष 2012 में, इंडियन बैंक के सीएमडी श्री टी.एम. भसीन के नेतृत्व में एक कार्य समूह द्वारा इस पर पुनः विचार किया गया ताकि प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना संभव हो सके।  
  • वर्ष 2019 में, KCC योजना को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन की कार्यशील पूंजी आवश्यकता को कवर करने के लिये बढ़ाया गया था।  
    • बैंक 1.60 लाख रुपए तक का जमानत मुक्त ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।   
  • यह योजना KCC योजना के संचालन के लिये बैंकों को व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करती है। 
  • कार्यान्वयन करने वाले बैंकों को संस्थान/स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप इसे अपनाने का विवेकाधिकार होगा। 

उद्देश्य / प्रयोजन 

  • इसका उद्देश्य किसानों को उनकी खेती और अन्य आवश्यकताओं के लिये लचीली और सरलीकृत प्रक्रियाओं के साथ एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करना है, जैसा कि नीचे दिया गया है: 
    • फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना 
    • फसल-उपरांत व्यय 
    • उत्पाद विपणन ऋण 
    • किसान परिवार की उपभोग आवश्यकताएँ 
    • कृषि परिसंपत्तियों और कृषि से संबद्ध गतिविधियों के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी; 
    • कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता