20-Feb-2025
काशी तमिल संगमम 3.0
विविध
चर्चा में क्यों?
तमिलनाडु और काशी के बीच गहन सांस्कृतिक बंधन को दृढ़ करने के लिये काशी तमिल संगमम (KTS 3.0) का तीसरा संस्करण वाराणसी (काशी), उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।
KTS 3.0 की मुख्य विशेषताएँ
- यह आयोजन ऋषि अगस्त्य की विरासत का सम्मान करता है और प्रयागराज में महाकुंभ मेले के साथ संरेखित होता है।
- केंद्रीय विषय: ऋषि अगस्त्य की विरासत।
- पिछले संस्करण: वर्ष 2022 में पहला संस्करण और वर्ष 2023 में दूसरा संस्करण।
- तमिलनाडु से लगभग 1,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें छात्र, शिक्षक, लेखक, किसान, कारीगर, उद्यमी और स्वयं सहायता समूह (SHG) शामिल हैं।
ऐतिहासिक महत्त्व
- काशी और तमिलनाडु के बीच का संबंध 15वीं शताब्दी से है, जब मदुरै के राजा पराक्रम पांड्या तमिलनाडु में शिवकाशी मंदिर की स्थापना के लिये काशी से एक पवित्र शिवलिंग लेकर आए थे।
- पांड्य राजाओं ने तेनकाशी (केरल सीमा के पास) में काशी विश्वनाथ मंदिर का भी निर्माण कराया, जो इस आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है।
KTS के उद्देश्य
- ज्ञान साझा करना- दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, कारीगरों और पेशेवरों को जोड़ना।
- शैक्षणिक सहयोग- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार भारतीय ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देना।
- सांस्कृतिक संवर्धन- तमिलनाडु की कला, साहित्य और व्यंजनों का प्रदर्शन।
- युवा संलग्नता- छात्रों को भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना।
ऋषि अगस्त्य की विरासत
|