कप्पड़ और चाल समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त हुआ

भारतीय अर्थव्यवस्था


 15-Jan-2025

चर्चा में क्यों?  

जनवरी 2025 में, केरल के कोझीकोड में कप्पड़ बीच और कन्नूर में चाल समुद्र तट को फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE), डेनमार्क द्वारा प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया।  

  

ब्लू फ्लैग कार्यक्रम: परिचय   

  • स्थापना: ब्लू फ्लैग कार्यक्रम 1985 में फ्राँस में शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देना था।  
  • वैश्विक पहुँच: वर्ष 2001 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया गया, जिसमें 40 से अधिक देशों के समुद्र तटों, मरीनाओं और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन नौकाओं को शामिल किया गया।  
  • उद्देश्य: प्रमाणन समुद्र तटों की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने में सहायता करता है और आगंतुकों को पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और स्थिरता के महत्त्व पर शिक्षित करता है।  
  • ब्लू फ्लैग की वैश्विक मान्यता: ब्लू फ्लैग एक प्रमाणन है जो समुद्र तटों, मरीनाओं और नौकायन संचालकों को दिया जाता है जो फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) द्वारा स्थापित 33 कड़े मानदंडों को पूरा करते हैं।  
    • केंद्र या फोकस के मुख्य क्षेत्र 
      • जल की गुणवत्ता: समुद्र तट पर जल की गुणवत्ता को पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करना।
      • पर्यावरण शिक्षा: सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और स्थिरता तथा पर्यावरणीय चुनौतियों के संबंध में जानकारी प्रदान करना। 
      • पर्यावरण प्रबंधन: पर्यावरण की सुरक्षा, अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधनों के संरक्षण के लिये प्रथाओं को अपनाना।  
      • सुरक्षा और सेवाएँ: समुद्र तटों की सुरक्षा, उचित रखरखाव और आगंतुकों के लिये आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

 चंद्रभागा समुद्र तट (ओडिशा): भारत का पहला ब्लू फ्लैग बीच  

  • भारत का पहला ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट ओडिशा में स्थित चंद्रभागा समुद्र तट है। इस प्रमाणन ने भारत के अन्य समुद्र तटों के लिये एक बेंचमार्क स्थापित किया, जिससे उन्हें पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और ज़िम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रेरणा मिली। इसके बाद, केरल में कप्पड़ और चाल समुद्र तटों ने भी यही मान्यता प्राप्त की है।