इटली-भारत संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-2029

वैश्विक मामले


 21-Nov-2024

चर्चा में क्यों? 

भारत और इटली ने कई केंद्रित, समयबद्ध पहलों और संयुक्त कार्य योजनाओं के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाया है। रियो डी जेनेरियो (18 नवंबर 2024) में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान घोषित इस समझौते का उद्देश्य रक्षा, अर्थव्यवस्था, संपर्क, विज्ञान, संस्कृति और प्रवास जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को दृढ़ करना है। यह दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। 

भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी की प्रमुख पहल (2024) 

  • आर्थिक सहयोग एवं निवेश: 
    • हरित प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण और उन्नत विनिर्माण जैसे उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को प्रबल करना। 
    • ट्रेड फेयर, व्यवसाय मंचों और औद्योगिक साझेदारियों को प्रोत्साहित करना। 
    • सेमीकंडक्टर और बुनियादी ढाँचे जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त उद्यमों और सहयोग को बढ़ावा देना। 
  • कनेक्टिविटी 
    • सतत् परिवहन और जलवायु-केंद्रित बुनियादी ढाँचे पर सहयोग बढ़ाना। 
    • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) ढाँचे के अंतर्गत सहयोग करना। 
    • समुद्री एवं बंदरगाह क्षेत्र में सहयोग पर समझौतों को अंतिम रूप देना। 
  • विज्ञान, प्रौद्योगिकी, IT, नवाचार एवं स्टार्ट-अप 
    • दूरसंचार, AI, इंडस्ट्री 4.0 और महत्त्वपूर्ण खनिजों में सहयोग का विस्तार करना। 
    • स्वच्छ ऊर्जा, फिनटेक, एग्रीटेक और हरित ऊर्जा में संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देना। 
    • भारत-इटैलियन नवाचार और इन्क्यूबेशन एक्सचेंज कार्यक्रम का शुभारंभ। 
    • वैज्ञानिक सहयोग के लिये वर्ष 2025-27 कार्यकारी कार्यक्रम को क्रियान्वित करना। 
  • अंतरिक्ष क्षेत्र (Space Sector)
    • अंतरिक्ष अनुसंधान, पृथ्वी अवलोकन और चंद्र अन्वेषण पर सहयोग करना। 
    • अंतरिक्ष उद्योग में वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाना। 
    • वर्ष 2025 के मध्य तक भारत में अंतरिक्ष उद्योग प्रतिनिधिमंडल का आयोजन करना। 
  • ऊर्जा संक्रमण 
    • नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन में विशेषज्ञता साझा करने के लिये तकनीकी शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करना। 
    • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत साझेदारी को सुदृढ़ करना। 
    • जैव ईंधन और ऊर्जा दक्षता में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना। 
  • रक्षा सहयोग 
    • वार्षिक संयुक्त रक्षा परामर्श बैठकें और संयुक्त स्टाफ वार्ता आयोजित करना। 
    • भारत-प्रशांत समुद्री सहयोग और रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाना। 
    • रक्षा औद्योगिक रोडमैप पर बातचीत करना तथा रक्षा उद्योगों के बीच समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देना। 
  • सुरक्षा सहयोग 
    • साइबर सुरक्षा और साइबर अपराधों से निपटने में क्षमता निर्माण को बढ़ाना। 
    • आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध पर वार्षिक संयुक्त कार्य समूह की बैठकें आयोजित करना। 
    • वर्गीकृत सूचना संरक्षण और न्यायिक सहयोग के लिये समझौते संपन्न करना। 
  • प्रवासन एवं गतिशीलता 
    • स्वास्थ्य पेशेवरों के लिये पायलट प्रशिक्षण परियोजनाओं सहित कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देना। 
    • द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से छात्र, शोधकर्त्ता और शैक्षणिक गतिशीलता को बढ़ाना। 
    • अनियमित प्रवासन का प्रभावी ढंग से सामना करना। 
  • संस्कृति, शैक्षणिक, सिनेमा एवं पर्यटन 
    • सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संग्रहालय साझेदारी और विरासत संरक्षण को मज़बूत करना। 
    • विश्वविद्यालय सहयोग और व्यावसायिक शिक्षा संबंधों को बढ़ावा देना। 
    • फिल्म सह-निर्माण को प्रोत्साहित करना तथा द्विपक्षीय पर्यटन को बढ़ावा देना। 
    • सांस्कृतिक सहयोग के वर्ष 2023 कार्यकारी कार्यक्रम को लागू करना।