अंतर-सरकारी वार्ता समिति वैश्विक प्लास्टिक संधि के लिये मार्ग तैयार करना

पर्यावरण और पारिस्थितिकी


 27-Nov-2024

चर्चा में क्यों? 

दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित पाँचवीं अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC-5) प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध वैश्विक प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ है। इस बैठक में मुख्य रूप से प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि पर चर्चा की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बढ़ते प्लास्टिक संकट के समाधान के लिये तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए महत्वाकांक्षी कार्रवाई की अपील की है।

INC-5 और प्रारंभिक गतिविधियों की मुख्य विशेषताएँ  

  • जन आंदोलन: 23-24 नवंबर को बुसान में हज़ारों लोगों ने मार्च किया, जिसमें प्लास्टिक संधि के लिये प्रबल वैश्विक समर्थन पर ज़ोर दिया गया। प्रतिभागियों ने "END PLASTIC अर्थात् प्लास्टिक का अंत करो" लिखा हुआ एक मानव चिह्न बनाया। 
  • वित्तीय और व्यावसायिक हितधारकों की सहभागिता: विश्व आर्थिक मंच के एक कार्यक्रम में वित्तपोषकों ने परिपत्र प्लास्टिक अर्थव्यवस्थाओं के लिये वित्तपोषण तंत्र पर चर्चा की। प्लास्टिक अपशिष्ट को समाप्त करने के लिये गठबंधन ने संधि तंत्र को अंतिम रूप दिये जाने से पहले ही निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला। 
  • वैज्ञानिक और शैक्षणिक योगदान: 900 से अधिक वैज्ञानिकों ने संयुक्त राष्ट्र से संधि पर विचार-विमर्श को प्रबल वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित करने का आग्रह किया। मुख्य सिफारिशों में प्लास्टिक उत्पादन को सीमित करना और अपशिष्ट उपनिवेशवाद में योगदान देने वाली सब्सिडी को समाप्त करना शामिल है। 
  • पूर्ण अधिवेशन और वार्ता: 
    • पहले दिन वार्ता के लिये गैर-पत्र के तीसरे संस्करण का उपयोग करने पर चर्चा हुई, हालाँकि रूस और सऊदी अरब जैसे सदस्यों ने चूक के संबंध में चिंता व्यक्त की। संपर्क समूहों ने विशिष्ट पाठ परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया। 
    • भारत के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित हुआ कि INC-5 में निर्णय सर्वसम्मति पर आधारित होंगे तथा प्लास्टिक उत्पादक देशों से समर्थन प्राप्त होगा। 
  • प्रमुख सांख्यिकी पर प्रकाश डाला गया 
    • प्लास्टिक उत्पादन: प्रतिवर्ष 460 मिलियन टन, अनुमान है कि वर्ष 2050 तक यह महासागरों में मछलियों की संख्या से अधिक हो जाएगा। 
    • माइक्रोप्लास्टिक्स: मानव रक्तप्रवाह में पाए गए अवशेष, जो स्वास्थ्य के लिये संकट उत्पन्न कर रहे हैं। 
  • नेतृत्व के वक्तव्य: 
    • UNEP की इंगर एंडरसन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि INC-5 को अपशिष्ट संधियों से आगे बढ़कर उच्च पर्यावरणीय मानकों का लक्ष्य रखना चाहिये। 
    • गुटेरेस ने प्लास्टिक के संपूर्ण जीवनचक्र को कवर करने, एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने तथा कचरा बीनने वालों जैसे संवेदनशील समुदायों को सहायता प्रदान करने के लिये एक संधि की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 

 

न्यायोचित परिवर्तन (Just Transition)

  • "न्यायोचित परिवर्तन (Just Transition)" की अवधारणा एक सामाजिक-आर्थिक ढाँचे का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे समानता और समावेशिता सुनिश्चित करते हुए प्लास्टिक-निर्भर उद्योगों से हटकर सतत् विकल्पों की ओर जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।   
  • यह दृष्टिकोण, प्रभावित श्रमिकों और समुदायों को सहायता प्रदान करके, परिवर्तन के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों, जैसे कि नौकरी छूटना और आर्थिक व्यवधानों, का समाधान करता है। 
  • इसमें अनौपचारिक अपशिष्ट श्रमिकों सहित हाशिये पर रह रहे या संवेदनशील समूहों पर विशेष ज़ोर दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उद्योग में होने वाले परिवर्तनों से उन पर अत्यधिक प्रभाव न पड़े। 
  • न्यायोचित परिवर्तन के प्रमुख तत्त्वों में शामिल हैं: 
  • श्रमिकों को नवीकरणीय ऊर्जा, पुनर्चक्रण और सतत् पैकेजिंग जैसे उभरते हरित क्षेत्रों में रोज़गार पाने में सक्षम बनाने के लिये पुनः प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन कार्यक्रम। 
  • वैकल्पिक उद्योगों में निवेश से नये रोज़गार के अवसर उत्पन्न होते हैं और व्यापक आर्थिक विकास में योगदान मिलता है।