10-Mar-2025
भारत का 58वाँ टाइगर रिज़र्व
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के माधव टाइगर रिज़र्व को भारत के 58वें टाइगर रिज़र्व के रूप में मान्यता देने की प्रशंसा की।
- पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा की कि भारत ने आधिकारिक तौर पर अपना 58वाँ टाइगर रिज़र्व, माधव टाइगर रिज़र्व जोड़ दिया है, जिससे यह मध्य प्रदेश का नौवाँ टाइगर रिज़र्व बन गया है।
टाइगर रिज़र्व क्या है?
- टाइगर रिज़र्व, प्रोजेक्ट टाइगर के तहत संरक्षित क्षेत्र है, जिसका उद्देश्य बाघों और उनके पर्यावासों का संरक्षण करना है।
- रिज़र्व में शामिल हैं
- कोर ज़ोन- राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य के रूप में सख्ती से संरक्षित।
- बफर ज़ोन- वन और गैर-वन भूमि का मिश्रण, जिसमें सीमित मानवीय गतिविधियाँ होती हैं।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार, भारत में वर्तमान में 57 टाइगर रिज़र्व हैं, जो 82,000 वर्ग किमी. (भारत के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.3%) में विस्तारित हैं।
बाघ संरक्षण
- IUCN स्थिति: लुप्तप्राय; वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत संरक्षित।
- भारत बांग्लादेश और अन्य पड़ोसी देशों के साथ सीमा पार संरक्षण, विशेषकर सुंदरवन में, के लिये सहयोग करता है।
- वर्ष 2023 में पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA) सात बड़ी बिल्लियों (बिग कैट्स)- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, प्यूमा और जगुआर के संरक्षण को बढ़ावा देता है।
प्रोजेक्ट टाइगर
- इसकी शुरूआत 1 अप्रैल, 1973 को हुई थी और यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है जिसका उद्देश्य बाघ संरक्षण है।
- स्वतंत्रता के समय भारत में 40,000 बाघ थे, लेकिन व्यापक शिकार और अवैध शिकार के कारण 1970 तक यह संख्या 2,000 से नीचे आ गयी।
- प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा प्रस्तुत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 ने बाघ संरक्षण प्रयासों की नींव रखी।
- प्रारंभ में इसे जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान सहित नौ रिज़र्वों में शुरू किया गया, जो 14,000 वर्ग किमी. में विस्तृत है।
- प्रोजेक्ट टाइगर पर्यावास संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है, क्योंकि बाघ पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन के लिये आवश्यक शीर्ष शिकारी हैं।